उत्तर प्रदेश के फूलपुर और प्रयागराज ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राहुल गांधी और अखिलेश यादव को सुनने लाखों लोग जुटे। मैदान छोटे पड़ गए। मंच तक भीड़ जमा हो गई। फूलपुर में इतनी भीड़ जमा हुई कि सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। दोनों नेता सभा को संबोधित तक नहीं कर सके। प्रयागराज में भी यही स्थिति थी, जबकि कल तक इस सीट को भाजपा का गढ़ माना जा रहा था। फूलपुर तथा प्रयागराज की भीड़ की चर्चा पूरे यूपी में फैल गई है। भीड़ से इंडिया गठबंधन का जोश बढ़ गया है, जबकि भाजपा की नींद हराम हो गई है। फूलपुर ने साबित कर दिया कि प्रदेश में इंडिया गठबंधन की आंधी चल रही है।
इन दोनों सीटों पर छठे चरण में चुनाव है। छठे तथा सातवें चरण में प्रदेश की 27 सीटों पर मतदान होगा। इन सारी सीटों पर फूलपुर और प्रयागराज से उठी आंधी का असर पड़ना तय माना जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है इस आंधी का वीडियो कुछ ही घंटे में पूरे प्रदेश में वायरल हो गया है और पांचवे चरण के मतदान में भी इसका असर पड़ेगा। पांचवे चरण में प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान सोमवार को संपन्न हुआ, जिनमें अमेठी, रायबरेली, लखनऊ की सीटें शीमिल हैं।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव को सुनने आई रिकॉर्डतोड़ भीड़ यह भी साबित कर रहा है कि इंडिया गठबंधन ने जो बेरोजगारी, महंगाई, अग्निवीर, किसान और गरीबों के मुद्दे उठाए, वह जनता तक पहुंच गया है, वहीं यह भी साबित होता है कि भाजपा ने जो हिंदू-मुस्लिम राजनीति की, राममंदिर को मुद्दा बनाने की कोशिश की वह काम नहीं कर रहा है। लोग हिंदू-मुसलमान से तंग आ चुके हैं और अपनी समस्याओं पर बात करना चाहते हैं। अखिलेश यादव का पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक भी काम कर रहा है।
दलित मंत्री बड़े मंचों से दूर, नुक्कड़ सभा करने को मजबूर
अब तक कहा जा रहा था कि देश में यह चुनाव बड़ा उदासी भरा है। कहीं किसी की कोई लहर नहीं है। फूलपुर ने इस नैरेटिव को गलत साबित कर दिया। लहर क्या यूपी में आंधी चल रही है और भाजपा को पांचवें, छठे और सातवें चरण में अवध और पूर्वी यूपी में भारी नुकसान हो सकता है।