लोकसभा चुनाव में बिहार से चुने गए 40 सासंदों में 12 सवर्ण हैं। राज्य में 15 प्रतिशत आबादी वाले सवर्ण समुदाय के 30 प्रतिशत सांसद जीते हैं। इनमें सबसे ज्यादा भाजपा के सांसद हैं। सवर्णों में सबसे ज्यादा छह राजपूत जाति के सांसद हैं। छह दलित सांसद बने हैं, जो सभी सुरक्षित सीटों से जीते हैं। दो मुस्लिम हैं और शेष 20 पिछड़े तथा अतिपिछड़े समुदाय से हैं।
सवर्णों में छह राजपूत, तीन भूमिहार, दो ब्राह्मण और एक कायस्थ हैं। छह राजपूत सांसद हैं राजीव प्रताप रूड़ी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, राधामोहन सिंह लवली आनंद, सुधाकर सिंह और वीणा देवी। इनमें तीन भाजपा के हैं। पांच एनडीए के हैं। भूमिहार में गिरिराज सिंह, विवेक ठाकुर तथा ललन सिंह हैं। इनमें दो भाजपा तथा सभी एनडीए के हैं। रविशंकर प्रसाद कायस्थ हैं, जो भाजपा से हैं। दो ब्राह्मणों में गोपालजी ठाकुर और देवेश चंद्र ठाकुर हैं। एक भाजपा से एक जदयू से।
दो मुस्लिम सांसद चुने गए हैं। दोनों ही कांग्रेस से हैं। किशनगंज से डॉ. जावेद तथा कटिहार से तारिक अनवर दो सांसद हैं, दोनों कांग्रेस से हैं।
पिछड़ों में सबसे ज्यादा सात सांसद यादव जाति के हैं। नित्यानंद राय, अशोक यादव दोनों भाजपा से हैं। गिरिधारी यादव, दिनेशचंद्र यादव दोनों जदयू से हैं। मीसा भारती तथा सुरेंद्र यादव राजद से हैं। पप्पू यादव निर्दलीय हैं।
इसी तरह अतिपिछड़ों में सात सांसद चुने गए हैं। रामप्रीत मंडल, दिलेश्वर कामत, राजभूषण निषाद, अजय मंडल, राजेश वर्मा और सुदामा प्रसाद हैं। कुशवाहा से राजाराम सिंह, अभय कुशवाहा, विजयलक्ष्मी देवी और सुनील कुमार हैं। कुर्मी से कौशलेंद्र कुमार हैं।
——————-
संविधान बदलने के अहंकार को अयोध्या में दलित प्रत्याशी ने कुचल दिया
दलित वर्ग से आलोक कुमार सुमन, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, अरुण भारती, शांभवी चौधरी और मनोज कुमार हैं।