विकास में नीचे से फर्स्ट आया बिहार, तेजस्वी बोले, बधाई नीतीश जी
नीतीश बार-बार स्वर्णिम इतिहास की बात करते हैं। वर्तमान कैसा है? नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में बिहार सबसे नीचे। तेजस्वी ने कहा- कांग्रेचुलेशन नीतीश जी।
हर वर्ष देश का नीति आयोग सतत विकास के लक्ष्य (एसडीजी) के विभिन्न मानदंडों पर राज्यों की रैंकिंग तय करता है। इसमें आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी मानक होते हैं। वर्ष 2020-21 में इस सूचकांक में केरल फिर से पहले नंबर पर है और बिहार सबसे नीचे।
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया- देश में सबसे खराब प्रदर्शन के लिए बधाई हो नीतीश कुमार जी। आप डबल पावर, डबल इंजन सरकार के ड्राइवर हैं। केरल ने भाजपा को शून्य सीट दिया और मानव विकास के सभी मानदंडों पर पहले स्थान पर आया। बिहार ने 40 लोकसभा सीटों में 39 आपको और भाजपा को दिया और परिणाम सबसे खराब। सोचिए, आत्मचिंतन कीजिए।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष (वाइस चेयरमैन) राजीव कुमार ने आज रिपोर्ट जारी की। सतत विकास के पैमाने पर सबसे नीचे रहने का अर्थ है कि बिहार न सिर्फ खुद नर्क में जी रहा है, बल्कि बिहार देश के विकास में भी रोड़ा बना है। विपक्ष के नेता ने डबल इंजन की सरकार की उपयोगिता और दावे पर सवाल खड़ा किया है। कहा गया था कि डबल इंजन की सरकार से विकास की गति तेज होगी, लेकिन कुछ समय को छोड़ दें, तो पिछले सात वर्षों से केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार है, फिर विकास क्यों नहीं हो पा रहा है? उन्होंने मुख्यमंत्री से आत्मचिंतन करने को कहा है।
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तेजस्वी ने परोक्ष रूप से राज्य के नेतृत्व को कमजोर करार दिया है। आज झारखंड जैसे छोटे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी फ्री वैक्सीन की मांग कर रहे हैं, पर नीतीश चुप हैं। जाहिर है वैक्सीन पर जो खर्च होगा, उससे बिहार के दूसरे विकास के कार्य प्रभावित होंगे। इस तरह अगले साल भी नीति आयोग के पैमाने पर बिहार के फिसड्डी रहने की ही अधिक संभावना है।
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अगर नीतीश फ्री वैक्सीन के लिए केंद्र पर दबाव नहीं डालते हैं, विकास योजनाओं के लिए फंड की मांग नहीं करते हैं, तो बिहार के सीमित संसाधनों पर दबाव और बढ़ेगा। नीति आयोग के सतत विकास के पैमाने पर सबसे नीचे रहने का अर्थ है बिहार की करोड़ों जनता का दुर्भाग्य खत्म होनेवाला नहीं है।