विपक्ष की चुनौती, तबादले रोकनेवाले नीतीश भ्रष्टाचार की जांच कराएं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के मंत्री के बीच तबादले पर छिड़ी जंग में विपक्ष भी कूदा। शिकायत के बाद तबादले रोकनेवाले सीएम भ्रष्टाचार की जांच कराएं।

फाइल फोटो

भाजपा के मंत्री रामसूरत राय ने विभाग में थोक मात्रा में तबादले किए। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिकायत मिली। फिर उन्होंने सारे तबादलों पर रोक लगा दी। अब विपक्ष भी इस मामले में कूद पड़ा है। महागठबंधन में शामिल दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधी चुनौती दी है और कहा है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का दावा करनेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में हिम्मत है, तो भाजपा के मंत्री की भूमिका और भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच बैठाएं। जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराई जाए।

आज भाकपा माले के पॉलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा-क्या नीतीश कुमार ट्रांसफर पोस्टिंग में दुर्घन्ध मचाने वाली घूसखोरी की जांच हाइकोर्ट के किसी सीटिंग जज से कराएंगे जो 3महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दे! इसके साथ ही पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है। अब बात जदयू और भाजपा में रार की नहीं रही, बल्कि बिहार में जारी भ्रष्टाचार पर आ गई है।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा-राजस्व विभाग 17 साल से भाजपा के ही पास है और स्वयं भाजपा के ही मंत्री कह रहे हैं राजस्व मंत्रालय पर माफियाओं का कब्जा रहा है! भाजपा के ही मंत्री द्वारा भाजपाई-भ्रष्टाचार की इससे बड़ी स्वीकारोक्ति और क्या हो सकती है?

मालूम हो कि बिहार सरकार में भाजपा के नेता रामसूरत राय राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने 30 जून को विभाग के 110 अधिकारियों का तबादला किया। इतनी बड़ी संख्या में तबादले से सबका ध्यान गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तबादलों पर रोक लगा दी। बिहार के प्रमुख अखबार इस पूरे मामले को दूसरा ही रंग देने में जुटे हैं। वे दिखा रहे हैं कि ऐसा जदयू और भाजपा में समन्वय की कमी से हुआ है या दोनों दलों में किसी प्रकार का झगड़ा है। इधर विपक्ष का कहना है कि सवाल दो दलों का नहीं है, बल्कि राज्य के हित का है। आज इसी मुद्दे पर महागठबंधन की बैठक भी चल रही है।

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