Pegasusu जासूसी उजागर होने से भारत की सियासत में उबाल आया हुआ है. आखिर क्या है Pegasusu कैसे हुई जासूसी और कैसे हुआ भंडाफोड़.
पेगासस जासूसी मामले की बहुत सारी खबरें आप तक पहुंच चुकी होंगी. आपने अब तक यह जान लिया होगा कि पेगासस फोन टेपिंग या जासूसी का खेल कथित तौर पर भारत सरकार के स्तर पर खेला गया. इसके लिए सरकार ने, न सिर्फ अपोजिशन के बड़े लीडरों ( राहुल गांधी भी) के फोन की जासूसी करवाई बल्कि इसके लिए बताया तो यहां तक जाता है कि केंद्र के मौजूदा आईटी मंत्री अश्विनी वैश्नव का भी नाम है. सुप्रीम कोर्ट के जज, पूर्व चुनाव आयुक्त राजीव लहासा तथा चालीस से अधिक पत्रकार के नाम तो हैं ही. ऐसे में आइए हम यहां आपको बताना चाहते हैं कि पेगासस जासूसी मामला है क्या और यह मामला कैसे पकड़ा गया. यानी कैसे इस जासूसी कांड से पर्दा फाश हुआ.
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सबसे पहले इस मामले में फ्रांस के पेरिस स्थित फोरबिडेन स्टोरी और एमनेस्टी इंटरनेशनल को इसकी जानकारी हाथ लगी. इसके बाद यह सूचना दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया पब्लिकेशन के साथ यह सूचना शेयर की गयी. इनमें वासिंगटन पोस्ट, गार्डियन तथा भारतीय मीडिया आउटलेट द वायर शामिल हैं. इसके बाद इन तमाम संगठनों ने पूरी दुनिया में इस मामले की इंवेस्टिगेशन मिल कर शुरू की. इस इंवेस्टिगेशन के लिए दस देशों में फैले लोगों के नम्बरों की पहचान की गयी. इन दस देशों में अजरबाइजान, बहरीन, हंगरी, काजाकिस्तान, मोरक्को, मेक्सिको, सऊदी अरेबिया यूएई, रवांडा और भारत शामिल हैं.
पेगासस जासूसी है क्या.
जो जानकारी छन कर आ रही है उसके मुताबिक पेगासस इसराइल का एक सॉफ्टवेयर है. जो किसी भी व्यक्ति के फोन में आसानी से इंटर किया जा सकता है. इसके लिए यह जरूरी नहीं कि फोन के डिवाइस को आप अपने हाथ में लें. इस साफ्टवेयर को किसी टारगेटेड फोन पर घंटी बजा देने मात्र से उसके साफ्टवेयर में पेगासस को पहुंचाया जा सकता है. एक बार यह साफ्टवेयर आपके मोबाइल में प्रेवेश कर गया तो बस आप के सारे काल्स व सारे डाटा को एक जगह स्टोर किया जा सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि आप किससे बात करते हैं. किससे क्या बात करते हैं. किसके साथ चैट करते हैं यह तमाम जानकारी कोई और इक्ट्ठी कर सकता है.
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इस प्रकार पेगासस के जरिये आपकी पूरी जासूसी की जा सकती है. पेगासस साफ्टवेयर के बारे में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एपल आईफोन को बड़ी आसानी से अपना निशाना बना सकता है. ऐसे में याद रखिए कि देश या दुनिया के ज्यादातर बड़े लोग एपल आईफोन ही इस्तेमाल करते हैं. वैसे आईफोन के बारे में यह धारणा रही है कि उसके साफ्टवेयर पर साइबर अटैक नहीं हो सकता. क्योंकि एपल इस तरह का दाव अक्सर करता रहता है.
मजे की बात यह है कि पेगासस के बारे में इसराइल सरकार ने कहा है कि वह इस साफ्टवेयर को किसी निजी व्यक्ति को नहीं बेचता बल्कि सरकारों को बेचता है.