उत्तर प्रदेश में कथावाचक संत कुमार यादव के साथ बदसलूकी ने तूल पकड़ लिया है। उनके साथ यह कहकर बदसलूकी की गई कि यादव होकर कथावाचक करते हो। उनके सिर मुंड दिए गए। कई लोगों के पौर छूने को मजबूर किया गया। अपशब्द कहे गए। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हंगामा हो गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, समाजवादी पार्टी आंदोलन करेगी।
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोग कथावाचक होने का उन्हीं के पास एकाधिकार है। जिस दिन पिछड़े समाज ने उनकी कथा सुननी बंद कर दी और अपनी अलग से कथा शुरू की, उस दिन उन्हें कोई पूछनेवाला नहीं रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा शासन में पीडीए समाज को हेय समझा जाता है। देश की राष्ट्रपति भी हेय दृष्टि का सामना कर चुकी हैं। सच यह है कि पीडीए समाज में जागरूकता बढ़ रही है, इस समाज की चेतना बढ़ रही है, इसी से परेशान होकर पीडीए समाज पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश हो रही है।
अखिलेश यादव ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अगर पीडीए समाज से इतनी ही नफरत है, तो कह दो कि पीडीए समाज का चढ़ावा, दान नहीं लेंगे। अब कथा कहने का विशेषाधिकार नहीं चलेगा।
संत कुमार यादव के साथ हुई बदसलूकी से पूरे पिछड़े तथा दलितों में व्यापक रोष देखा जा रहा है। सपा ने इसे राज्य व्यापी मुद्दा बना दिया है।