जुबैर, तीस्ता के बाद अब मेधा पाटकर पर शिकंजा, हुई FIR
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के खिलाफ मध्यप्रदेश में FIR दर्ज हो गई है। आरोप है कि चंदे के पैसे को ‘राष्ट्रविरोधी’ आंदोलन पर खर्च किया।
सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज. पत्रकार मोहम्मद जुबैर, तीस्ता सीतलवाड़ के बाद अब लगता है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को जेल भेजने की तैयारी हो गई है। यह आशंका आज भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने जताई है। दरअसल सत्ता के विरुद्ध हमेशा मुखर रहनेवाली सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मध्यप्रदेश में पुलिस केस दर्ज हो गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने चंदे की राशि को ‘राष्ट्रविरोधी’ आंदोलन में खर्च किया।
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश पुलिस ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर सहित 11 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामला बरवानी जिले में दर्ज किया गया है। यहां एक गांव वाले ने पुलिस में शिकायत की कि आदिवासी छात्रों की शिक्षा के लिए जमा चंदा राशि का मेधा पाटकर और उनके सहयोगियों ने गलत इस्तेमाल किया। मेधा पाटकर ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है।
तेमला बुजुर्ग गांव के एक व्यक्ति प्रीतम राज बडोले ने मेधा पाटकर और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने चंदे की राशि को राजनीतिक और राष्ट्रविरोधी एजेंडा को लागू करने में खर्च कर दिया। बडोले ने आरोप लगाया है कि मुंबई में ट्र्स्ट के रूप में निबंधित नर्मदा नवनिर्माण अभियान को पिछले 14 वर्षों में 13.50 करोड़ रुपए सहयोग के तैर पर मिले। इसे नर्मदा घाटी में आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर खर्च करना था, लेकिन इसे उस मद में खर्च नहीं किया गया।
पीटीआई के अनुसार पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कुछ दस्तावेज भी दिए हैं। इसकी विस्तृत जांच होगी। जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें मेधा पाटकर के अलावा परवीन रूमी जहांगीर, विजय चौहान, कैलाश अवस्या, मोहन पाटीदार, आशीष मंडलोई, केवल सिंह वसावे, संजय जोशी, श्याम पाटील, सुनीत एसआर, नूरजी पडवी, और केशव वसावे शामिल हैं।
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