राजद सांसद पप्‍पू यादव और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने सोमवार से सहरसा के पटेल मैदान में शक्ति प्रदर्शन कर के साबित कर दिया कि कोसी और पूर्णिया प्रमंडल में उनकी शक्ति को अनदेखी नहीं किया जा सकता है। एक लाख से अधिक लोगों की जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए पप्‍पू यादव ने कहा कि कोसी के सभी पंचायत सेवक, पंचायत सचिव से लेकर सीओ, बीडीओ व थानेदार द्वारा जनता को सम्‍मान देना आवश्‍यक होगा। उन्‍होंने कहा कि हम कोसी की धरती से मनुष्‍य के अस्तित्‍व, मनुष्‍यता की अस्मिता की लड़ाई शुरू कर रहे हैं। यदि सत्‍ता में बैठे लोग जनता को सम्‍मान नहीं देंगे, तो जनता भी उनका हुक्‍का-पानी बंद कर देगी।_DSC3363

 

वीरेंद्र यादव, सहरसा के पटेल मैदान से

 

पप्‍पू यादव ने जन अदालत में पहुंची जनता का आह्वान किया कि आप कोसी से बाहर निकलिए, बिहार बदल जाएगा। उन्‍होंने लालू यादव व नीतीश कुमार से कहा कि आप हमारे कंधों पर विश्‍वास कीजिए। हम आपको कभी निराश नहीं करेंगे। सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक है, लेकिन व्‍यवहार में जनता को कौन पूछता है। जनता की इज्‍जत कौन करता है। लेकिन हम कोसी में हालात बदलेंगे और जनता को सम्‍मान मिलेगा।

 

श्री यादव ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी के खिलाफ नहीं है। हम गरीब, वंचित व अभावग्रस्‍त जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। बदहाल सरकारी चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था और डॉक्‍टरों द्वारा जनता का दोहन दोनों चिंताजनक बात है। खस्‍ता हाल सरकारी स्‍कूल और निजी स्‍कूलों की मनमानी दोनों जनता के सरोकारों की अनदेखी करते हैं। भ्रष्‍टाचार का संस्‍थागत हो जाना चिंता का विषय है। शराब के कारण तबाह हो रही जिदंगी और परिवार की त्रासदी पीड़ा पहुंचाती है। हमारी लड़ाई इन सभी चिंताओं के खिलाफ है। इस लड़ाई में जनता एक बड़ी ताकत है। वह ठान ले तो सबकुछ बदल सकता है। सांसद ने उपस्थित लोगों को शपथ दिलायी कि वह उनके संघर्ष में शामिल होंगे और हर अव्‍यवस्‍था के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।

रंजीत रंजन को भरोसा  

इस मौके पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि सहरसा में हमें पहली बार लोकसभा में भेजा था। आज उसी सहरसा में उमड़ा जन समूह हमें भरोसा दिलाता है कि उनका विश्‍वास, भरोसा व आशीर्वाद हमारे साथ है। श्रीमती रंजन ने कहा कि राजनीति गरीबी खत्‍म करने की होनी चाहिए। जनता के आत्‍म सम्‍मान के लिए होनी चाहिए। इस जनअदालत रैली में विधायक दिनेश यादव, अजय कुमार बुलगानिन, जिला परिषदों, नगर परिषदों के अलावा बड़ी संख्‍या में स्‍थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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