हड्डी रोग विशेषज्ञ व पीएमसीएच के सहायक प्रोफेसर डा. राजीव कुमार ने पिछले दिनों अपने निजी क्लिनिक पर एक युवक की कटी हुई नली को जोड़ने में सफलता पाई हैIMG_1808

उन्होंने इस रेयरेस्ट ऑपरेशन को रिवेस्कुलराइजेशन {Revascularization} की प्रक्रिया के तहत अंजाम दिया.आम तौर पर ऐसा ऑपरेशन बिरले ही सफल हो पाता है क्योंकि मरीज तयशुदा समय में डाक्टर तक नहीं पहुंच पाते.

डा. कुमार ने गुरुवार को एक संवददाता सम्मेलन में इस आपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रक्त संचार की नली अगर कट जाये तो यह मरीज के लिए खतरनाक तो होता ही है सात ही अकसर कटे हुए हिस्से में रक्त नहीं पहुंचने के कारण उसके सड़ जाने की संभावना ज्यादा होती है. उन्होंने बताया कि हादस के छह घंटे के अंदर अगर मरीज को उचित ट्रीमेंट मिले और नली को सफलता पूर्वक जोड़ दिया जाये तो कटे हुए हिस्से को शरीर से अलग करने की नौबत नहीं आती.

उन्होंने डाक्टरों और मरीजों से अपील की कि ऐसी हालत में बिना समय गंवाये विशेषज्ञ डाक्टरों से सम्पर्क करना चाहिए.

गौरतलब है कि पिछले एक नवम्बर को नालंदा के सुदामा पासवान का दाहीना हात एक एक्सिडेंट में टूट गया और उसके रक्त संचार की नली पूर्ण रूप से कट गयी. सुदामा ने बताया कि वह  एक सरकारी अस्पताल पुंचा लेकिन वहां उसे बताया गया कि उसका हाथ काट कर हटाना पड़ेगा. इतना सुनने के बाद उसके परिजनों ने डाक्टर राजीव कुमार के फुलवारी स्थित अस्पताल में ले गये. जहां उसका सफल ऑपरेशन किया गया.

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