अर्थशास्त्री तथा वयोवृद्ध सांसद स्व. डी पी यादव की महान कृति ‘मुंगेर थ्रू ऐजेज’ की प्रति आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेंट की गई.Dp

पुस्तक स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ने अपने घनिष्ट मित्रों के बीच ‘डी पी’ के नाम से पुकारे जाने वाले श्री यादव के साथ उनके संस्मरणों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति श्री मुखर्जी ने कहा कि ‘डी पी’ ने एक प्रमुख काग्रेसजन के रूप में बिहार के मुंगेर जिले का संसद में प्रतिनिधित्व करने के दौरान विभिन्न पदों पर रहकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन तो किया ही, बल्कि उन्हों ने इफको के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर एक कुशल प्रशासक का भी परिचय किया।

श्री मुखर्जी ने कहा कि श्री यादव उन प्रमुख सांसदों में से एक थे, जिनके लिए आधुनिक भारत की लोकतांत्रिक जड़ को बनाए रखना तथा उसे मजबूती प्रदान करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण था। श्री यादव ने कांग्रेस में आर्थिक नीति पर गठित कार्य समिति के सदस्य के रूप में किसानों व पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए नीतियों को मूर्त रूप देने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। इससे पूर्व, ‘डी पी’ द्वारा लिखित पुस्तक का लोकार्पण करते हुए प्रमुख विद्वान, सांसद तथा कश्मीर के राजकुमार करण सिंह ने डीपी यादव के सा‍थ अपने संस्मणरण सुनाए। श्री यादव की इस पुस्तक के लोकार्पण ने सांसदों, मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और राजनीति से जुड़े विभिन्न लोगों की एक साथ उपस्थिति को आकर्षक बना दिया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, सांसद जय प्रकाश नारायण यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोहसिना किदवई, सांसद डा.प्रसन्ना कुमार पटसाणी, पूर्व सांसद संजय भाई तथा इफको के प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी उपस्थित थे

इस अवसर पर ’डी पी’की यादें तथा उनके साथ गुजारे बीते दिनों के अनुभवों को बांटने के लिए अनेक शिक्षाविद्, गांधीवादी मित्र तथा श्री यादव के परिजन उपस्थित थे। श्री यादव के साथ इस शोध कार्य में सहायता करने वाले उनके सबसे छोटे पुत्र ब्रिजेन्दु कुमार ने बताया कि इस कार्य में उनके पिता ने अपना पूरा समय तथा शक्ति लगाई थी। खराब स्वास्थ्य के बावजूद, उनके पिता इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए कहते रहते थे। उन्होंन ने यह भी बताया कि यादव जी का हमेशा यही कहना था कि यह पुस्तक आने वाले समय में उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक यादगार बनने तथा यह मुंगेर की जनता द्वारा उन्हें दिये गये प्यार और दुलार के प्रति उनके आभार का प्रतीक बने।

By Editor