पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने हम के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी को एनडीए में वापस लाने की कोशिश कर रही हैं. इसी क्रम में सोमवार को जमुई परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्‍होंने कहा कि  ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे लालू ने ठगा नहीं. इसलिए अब भी वक्त है, जीतन राम मांझी वापस पार्टी में लौट आए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल में जीतन राम मांझी खुद के लिए और अपने बेटे के टिकट के लिए चले गये. राजद ने विधानसभा उप चुनाव में उनसे सहयोग लेकर प्रचार प्रसार भी जमकर करवाया.

नौकरशाही ब्यूरो, मुकेश कुमार

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे भी लग रहा था कि हो सकता है कि राजद उन्हें राज्यसभा का प्रत्याशी बनाये, लेकिन जब विगत 11 मार्च को विधानसभा उप चुनाव संपन्न हुआ तो रात्रि में राजद ने राज्यसभा के प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी. जिस मंसूबे से वे राजद में गये, उस मंसूबे पर वहां पानी फिर गया. अब भी वक्त है कि जीतन राम मांझी वापस अपने घर एनडीए में लौट आये. इस घर मे उनके पुनः आगमन पर स्वागत होगा.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए नरेंद्र सिंह ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार से उनके संबंध कभी खराब नहीं हुए हैं, बल्कि कुछ मुद्दों पर विचार में भिन्नता आने के कारण आपस मे भ्रांति पैदा हो गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यो व सिद्धान्तों का मैं भी पक्षधर हूं. उन्होंने कभी किसी को छलने का काम नहीं किया है. मैं खुद सोशलिस्ट विचार धारा से जुड़ा रहा हूं, लेकिन जीतन राम मांझी जिस घर मे गये है, वहां उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है.

उन्‍होंने दुहराया कि ‘कोई ऐसा नहीं, जिसे लालू जी ने ठगा नहीं ‘. यदि जीतनराम मांझी वापस पार्टी में नही आते है तो आगामी 18 मार्च को  आयोजित हिंदुस्तान अवाम मोर्चा की बैठक में नये नेता का चुनाव पार्टी के पदाधिकारियों के आम राय को मद्दे नजर रखते हुए किया जायेगा. इस बीच जरूरत पड़ी तो मैं खुद जीतन राम मांझी से बात करूंगा. वे सरल ह्रदय के उदार व्यक्ति है. मुझे उम्मीद है कि वे वापस अपने पुराने घर एनडीए में जरूर लौटेंगे.

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