महागठबंधन को अपने ढीले रवैये का खामयाजा भूगतना पड़ा और नतीजतन पटना के मेयर का ताज एनडीए समर्थित उम्मीदवार सीता साहू के सर बंदा. 62 वर्षों के इतिहास में पहली बार महिला मेयर बनने का सपना साकार हुआ. इसके लिए महिला आरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

सीता साहू 58 वार्ड और रजनी वार्ड नम्बर 22 की पार्षद हैं। दोनों गुटों ने दावा किया था कि उन्हें 50 से अधिक पार्षदों का समर्थन है। बीजेपी गुट के पार्षदों का नेतृत्व विधायक नीतिन नवीन और अरूण सिन्हा जबकि महागठबंधन की ओर से एमएलसी और प्रवक्ता संजय सिंह और दूसरे नेता कर रहे थे. इस चुनाव ने साबित कर दिया कि संजय सिंह की पकड़ काफी कमजोर थी.
इससे पहले रेस में वार्ड 52 की उम्मीदवार और पूर्व मेयर अफजल इमाम की पत्नी महजबीं इमाम थीं लेकिन उन्होंने महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी उम्मीदवारी को दाव पर लगा दिया इसके बावजूद महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा.

महागठबंधन की उम्मीदवार रजनी राय को कुल 35 वोट प्राप्त हुए जबकि सीता साहू को 38 वोट प्राप्त हुआ और 2 वोट अवैध घोषित किया गया।  शुरू में तैयारी में महागठबंधन का पलड़ा भारी दिख रहा था लेकिन आखिरकार सफलता बीजेपी के गुट को ही मिला।

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