Rajeev ranjan

अखिल भारतीय कायस्‍थ महासभा के राष्‍ट्रीय कार्यवाहक अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि अखिल भारतीय कायस्‍थ महासभा की राष्‍ट्रीय कार्यसमिति द्वारा लिए गए निर्णय और अन्‍य सामाजिक संगठनों के अनुरोध पर ‘कदम’ नाम से एक संगठन का निर्माण किया गया है। यह देश के सभी शहरी व अर्द्ध शहरी क्ष्रेत्रों में कायस्‍थ, आदिवासी, दलित, ओबीसी एवं माइनॉरिटी जैसे सामाजिक समूहों के समन्‍वय के साथ सशक्‍त समाज के निर्माण में एक सामूहिक पहल है। 

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नौकरशाही डेस्‍क

कदम युवाओं को करेगी प्रेरित

उन्‍होंने कहा कि ‘कदम’, राज्‍य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचान, उनको सशक्‍त करना,  बाल विवाह – दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान, शराबबंदी के लिए कार्य  करने के साथ ही गंगा एवं अन्‍य नदियों के साथ संपूर्ण पर्यावरण का संरक्षण व संवर्द्धन, सामाजिक सौहार्द, आपसी भाईचारा एवं उद्यमशीलता और बिजनेस स्‍टार्टअप के लिए युवाओं को प्रेरित करेगी। साथ ही गरीबी उन्‍मूलन के लिए स्‍वयं सहायता समूहों के निर्माण में सहयोग देने का कार्य भी कदम द्वारा किया जायेगा।

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कायस्‍थों के योगदान को राष्‍ट्र करता है याद

उन्‍होंने कहा कि कायस्‍थ समाज का अन्‍य वर्ग, खासकर पिछड़े वर्गों के बीच शुरू से ही एक सहज संबंध रहा है। भारतीय इतिहास में कायस्‍थों के योगदान को पूरा राष्‍ट्र याद करता है। बिहार और बिहार से बाहर डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्‍त्री, स्‍वामी विवेकानंद, सचिदानंद सिन्‍हा, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, के बी सहाय, महामाया प्रसाद सिन्‍हा, जैसे कई विभूतियों ने अलग – अलग क्षेत्रों में अपना अहम योगदान देकर समाज को आगे बढ़ाने में निर्णायक भूमिका रही है।

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समाज में टकराव की नहीं बनी स्थिति

उन्‍होंने कहा कि जब तक कायस्‍थों का प्रतिनिधित्‍व समाज में ज्‍यादा रहा, तब तक समाज में टकराव की स्थिति नहीं बनी। आज उसी इतिहास से प्रेरणा लेते हुए वर्तमान और भविष्‍य के अनेक चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरत है। इस दिशा में ‘कदम’ की शुरूआत एक जोरदार सामूहिक प्रयास है।

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