केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज दिल्ली के आर्कबिशप अनिल कूटो  के खत पर प्रतिक्रिया तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा जिससे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचे, लेकिन यदि चर्च लोगों से प्रार्थना करने के लिए कहता है ताकि मोदी की सरकार न बने तो देश को सोचना होगा कि दूसरे धर्म के लोग भी ‘कीर्तन-पूजा’ करेंगे.

नौकरशाही डेस्‍क

बता दें कि दिल्ली के आर्कबिशप द्वारा खत लिखकर सभी पादरियों से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘देश के लिए प्रार्थना’ करने की बात कही थी। उसमें उन्होंने ‘अशांत राजनैतिक वातावरण’ का ज़िक्र किया है, जिसकी वजह से लोकतंत्र तथा धर्मनिरपेक्षता को खतरा है. खत के साथ एक प्रार्थना भी भेजी गई थी, जिसे उनके अनुसार साप्ताहिक सामूहिक प्रार्थना सभा में पढ़ा जाना चाहिए.

खत में लिखा था – हम एक ‘अशांत राजनैतिक वातावरण’ देख रहे हैं, जो हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों तथा हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के लिए खतरा है… इसके बाद से देश में एक नई राजनीतिक बहस छिड़ गई है. पत्र में ये भी लिखा था कि देश तथा राजनेताओं के लिए हमेशा प्रार्थना करना हमारी प्रतिष्ठित परम्परा है, लेकिन आम चुनाव की ओर बढ़ते हुए यह और भी ज़रूरी हो जाता है… अब जब हम 2019 की ओर देखते हैं, जब हमारे पास नई सरकार होगी, तो आइए, हम देश के लिए 13 मई से शुरू करते हैं एक प्रार्थना अभियान..

 

 

 

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