कॉमर्स ने बचायी लाज लेकिन तीन सालों में कम हुई कॉमर्स छात्रों की संख्या

-वहीं आधी हो गयी फर्स्ट डीविजन वालों की संख्या
पटना
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कॉमर्स ने बचायी लाज लेकिन तीन सालों में कम हुई कॉमर्स छात्रों की संख्या

इंटर परीक्षा के परिणाम में कॉमर्स ने ओवर ऑल रिजल्ट में भले ही बिहार की लाज बचायी है लेकिन कॉमर्स विषय लेने में दिलचस्पी लगातार घट रही है. 2017 में जहां करीब 74 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी पास हुए हैं वहीं इन तीन सालों में कॉमर्स लाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में भी काफी कमी आयी है. 2015 में 83 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने इस स्ट्रीम को चुना था जो 2017 में घटकर 60 हजार रह गयी. इसके साथ ही आंकड़े वाकई में डराने वाले हैं. तीन सालों में फर्स्ट डीविजन वालों की संख्या में तकरीबन 50 फीसदी की गिरावट आयी है. 2015 में जहां 31.79 फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए थे वहीं इस साल यानी 2017 में महज 16.29 फीसदी विद्यार्थी ही फर्स्ट डीविजन ला सके हैं. फर्स्ट डीविजन लाने वाले लड़के और लड़कियों में एकरूपता है और 8-8 फीसदी फर्स्ट डीविजन ला सके हैं.
परीक्षा में शामिल: 2015: 2016: 2017
कॉमर्स : 83066: 69486: 60022
प्रथम श्रेणी का प्रतिशत: 31.79: 23.78: 16.29
उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत: 90.55: 80.87: 73.76
आइए आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं-
कुल शामिल छात्र: 60022
छात्रों की संख्या: 40441 : 67.31 फीसदी
छात्राओं की संख्या: 19581: 32.62 फीसदी
निष्कासित छात्र: 36
उत्तीर्ण हुए परीक्षार्थी:
प्रथम श्रेणी: 9779 : 16.29 फीसदी
द्वितीय श्रेणी: 28687 : 47.79 फीसदी
कुल पास: 44273: 73.76 फीसदी
कुल पास छात्र: 28317: 47.18 फीसदी
कुल पास छात्रा: 15956: 26.58 फीसदी
प्रथम श्रेणी छात्र: 4825: 8.04 फीसदी
प्रथम श्रेणी छात्रा: 4954: 8.25 फीसदी
द्वितीय श्रेणी छात्र: 19140: 31.89 फीसदी
द्वितीय श्रेणी छात्रा: 9547: 15.91 फीसदी
तृतीय श्रेणी छात्र: 4352: 7.25 फीसदी
तृतीय श्रेणी छात्रा: 1455: 2.42 फीसदी
फेल छात्र: 11584: 19.30 फीसदी
फेल छात्रा: 3420: 5.70 फीसदी
कुल फेल: 15004: 25 फीसदी
स्थगित: 7: 0.01 फीसदी
लंबित: 702: 1.17 फीसदी

By Editor