ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ के इन लेखक ने अपने बयान को दोहराया है कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो वह देश छोड़ कर चले जाएंगे.

अनंतमूर्ति:नरेंद्र भाई से नफरत
अनंतमूर्ति:नरेंद्र भाई से नफरत

अनंतमूर्ति गुरुवार को अपने बयान पर अड़े रहे और कहा कि यदि गुजरात के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बने तो लोगों में भय का संचार होगा. बीजेपी और मोदी समर्थकों की ओर से उन पर किए जा रहे हमलों के बीच अनंतमूर्ति ने कहा, ‘मोदी देश में डर का संचार करेंगे और यदि पीएम के पद पर कोई भयावह व्यक्ति बैठा हो तो लोग उसके सामने झुक जाएंगे क्योंकि धौंस से लोग डर जाते हैं.’

अनंतमूर्ति होने का मतलब

हिंदी पट्टी में, कन्नड़ के इस महान लेखक के बारे में सीमित जानकारियां ही हैं. लेकिन इनकी रचनायें यूरोपियन भाषाओं समेत कोई दर्जन भर भाषाओं में अनुवादित होच चुकी हैं जबकि अनेक रचनाओं पर आधारित फिल्में भी बन चुकी हैं.

डॉ यू आर अनंतमूर्ति प्रख्यात कन्नड़ लेखक हैं जिन्हें साहित्य का सबसे बड़ा सम्मान ज्ञानपीठ से नवाजा जा चुका है.1998 में उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.

80 के दशक में मूर्ति केरल के महात्मा गांधी विश वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं.

मूर्ति की मशहूर रचनाओं में संस्कार, भाव, भारती पूरा आदि शामिल हैं. मूर्ति हालांकि कन्नड़ के लेखक हैं लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरूआत अंग्रेजी के लेक्चरर के रूप में मैसूर विश्वविद्यालय में 1970 में शुरू की. उनकी कई रचनाओं पर फिल्में बनायी जा चुकी हैं.

मूर्ति की अधिकतर रचनायें मनुष्य के अलग-अलग हालात को मनोवैज्ञानिक आईने में देखने की कोशिश हैं.
मूर्ति का जन्म 1932 में मैसूर के निकट सिमोगा में हुआ था.

उन्होंने हाल में ही आयोजित एक समारोह में कहा था कि वह ऐसे देश में नहीं रहना चाहते जहां मोदी प्रधानमंत्री हों। उनके इस बयान के बाद से ही बीजेपी और मोदी के समर्थकों ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी। हालांकि लगातार हमलों के बीच अनंतमूर्ति ने कहा है कि वे अपने बयान पर कायम हैं.

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