महिला सशक्तिकरण की दिशा में नये मानक स्थापित करने वाली बिहार सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके भविष्य के लिए भी गंभीरता दिखाते हुये राज्य में तेजाब हमला और दुष्कर्म पीड़िताओं को मिलने वाली मुआवजे की राशि आज तीन लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव उपेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बिहार पीड़ित प्रतिकर (संशोधन) स्कीम, 2018 की स्वीकृति दी गई है।


श्री पांडेय ने बताया कि तेजाब हमला और दुष्कर्म पीड़िताओं को सरकार की ओर से पहले तीन लाख रुपये मुआवजा दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि 14 वर्ष से कम आयु की किशोरी इस कुकृत्य का शिकार होती है तो उसकी मुआवजे की राशि में 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।

विशेष सचिव ने बताया कि तेजाब हमले में यदि लड़की या महिला की की आंख की रोशनी 80 प्रतिशत से अधिक चली जाए या स्थायी रूप से चेहरा विकृत हो जाए तो उनके लिए मुआवजा योजना लागू होगी, जो जिला अपराध क्षतिकर बोर्ड के प्रतिवेदन के आधार पर किया जाएगा।
श्री पांडेय ने बताया कि इस राशि के लिए जिला स्तर पर जिला पीड़ित प्रतिकर निधि गठित होगी। इसी निधि से पीड़िताओं को सबसे पहले आवश्यक प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि मुआवजा राशि एकमुश्त नहीं दी जा सके तो पीड़िता को प्रतिमाह अधिकतम 10 हजार रुपये आजीवन या जब तक आवश्यक हो तबतक दिया जाता रहेगा। इस पर अंतिम फैसला जिला विधिक सेवा प्राधिकार करेगा।
विशेष सचिव ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 11 फरवरी 2016 को पारित आदेश के आलोक में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस विषय पर संशोधित प्रतिकर अधिनियम जुलाई 2016 से लागू किया था। उन्होंने बताया कि इसी दिशा-निर्देश के आधार पर बिहार में पूर्व से लागू पीड़ित प्रतिकर योजना 2014 में संशोधन करना अनिवार्य था, जिसकी आज मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दी है।

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