सीतामढ़ी जिले की एक अदालत ने बहुचर्चित समाहरणालय गोलीकांड मामले में आज पूर्व सांसद अनवारूल हक, नवल किशोर राय तथा भाजपा विधायक रामनरेश यादव समेत 15 लोगों को दस-दस साल की सजा सुनायी है।

 

तदर्थ सत्र न्यायाधीश मोहम्मद इरशाद अली ने यहां मामले में सुनवाई के बाद पूर्व सांसद अनवारूल हक, नवल किशोर राय समेत 15 लोगों को दोषी करार देते हुये दस-दस साल की सजा सुनायी है। उल्लेखनीय है कि बाढ़ राहत की मांग को लेकर सीतामढ़ी समाहरणालय के समक्ष 11 अगस्त 1998 को सर्वदलीय धरना – प्रदर्शन आयोजित किया गया था। कुछ ही देर में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और समाहरणालय परिसर में घुस कर तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए तत्कालीन समाहर्ता के आदेश पर अश्रु गैस छोड़े गये और लाठी चार्ज किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारी इस पर और उग्र हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी।

 

इसमें समाहर्ता और आरक्षी अधीक्षक सहित कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गये। स्थिति अनियंत्रित होती देख पुलिस ने आठ चक्र गोलियां चलायी जिसमें पूर्व विधायक राम चरित्र राय,  भाकपा नेता डा. अयूब,  मोनिफ अंसारी,  महंथ मंडल और रामपरी देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी। इस मामले में मौके पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी देवेन्द्र कुमार वर्मा के बयान के आधार पर प्रशासन की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। मामले में तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश धरनी धर झा ने जब संज्ञान लिया तो डा.प्रसाद और डा.सक्सेना ने इसको पटना उच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। तब उच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को मामले की दुबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया। जिला न्यायाधीश ने इस मुकदमें को तब तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया था।

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