हिंदुस्तान अवाम मोर्चा से कल जीतन राम मांझी को निकासित करने का दावा करने वाले नरेंद्र सिंह आज खुद से ही अपने आपको उनकी पार्टी से अलग कर लिया. उन्होंने आज सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली.
रविवार को नरेंद्र सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस किया और मांझी को हम से  निकालने की घोषणा की और आज खुद ही जदयू के हो गये.
दरअसल, नरेंद्र सिंह एनडीए  जेडीयू में ही थे। जब मांझी को सीएम बनाया गया और नीतीश ने लालू से हाथ मिलाने का फैसला किया तो नरेंद्र सिंह मांझी के साथ चले गए थे। अब मांझी ने लालू से हाथ मिला लिया है तो नरेंद्र सिंह ने फिर से उनका साथ छोड़ दिया है।
पार्टी में शामिल होने के बाद नरेंद्र सिंह ने कहा कि मैं जेडीयू में ही था, मैं फिर से घर वापस आ गया हूं। उन्होंने कहा कि मेरे साथ हम के दर्जनों लोग भी जेडीयू में शामिल हुए। जेडीयू से ही हमारी पैदाइश है, हम बाहर से नहीं आए हैं।
उधर इस मुद्दे पर  हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बंधाई दी है।डा दानिश ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अपनी खुशी के लिए अपने ही दल के नेता को बार बार पार्टी की सदस्यता दिलाते रहें तो उसपर उन्हें कोई परहेज़ नहीं।पर जिस तरह से उनके दल के द्वारा हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के विलय की बात कही जा रही है वह हास्यप्रद है।
डा दानिश ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विद्वान व्यक्ति हैं उन्हे तो इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किसी भी दल के विलय के लिए उसके संसदीय बोर्ड या कोर ग्रुप के निर्णय के बाद उसका समायोजन दुसरे दल में होता है।

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