कार्यशाला में शामिल विशेषज्ञ

-आइजीआइएमएस में कार्यशाला में बोले विशेषज्ञ
पटना

कार्यशाला में शामिल विशेषज्ञ

अंगदान में कई नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. शादीशुदा हों तो उसके लिए उनके पार्टनर की सहमति और यदि अविवाहित हैं तो मां, पिता, भाई और बहन की सहमति जरूरी होती है. आप प्वाइजन खाये हुए व्यक्ति का अंगदान नहीं ग्रहण कर सकते हैं और आपको लावारिस बॉडी के अंगदान के लिए भी 72 घंटे प्रिजर्व करना आवश्यक होता है. ये बातें आइजीआइएमएस में अंगदान के विषय पर आयोजित कार्यशाला में एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों ने कही. आॅरगैन रिट्रिवल बैंकिंग आर्गनाइजेशन यानी आेरबो के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ आरती विज, डॉ संजीवन लालवानी, डॉ विवेक टंडन ने बताया कि यदि अंगदान का फार्म भरने के बाद किसी की मौत हो जाती है तो आपको उनके परिजन से सहमति अवश्य लेनी होगी. लावारिस बॉडी को 72 घंटे प्रिजर्व करने के बाद अस्पताल के सुपरिटेंडेंट की अनुमति से उसका प्रयोग करना होगा.
कमेटी करेगी डेथ होने की घोषणा
ट्रांसप्लांट करने के पहले ब्रेन डेड कमिटी बॉडी के डेथ होने की घोषणा करेगी. अस्पताल में यूम्यूनोरोलॉजी लैब होना चाहिए. वहां टिश्यू की जांच की जायेगी कि वे आपस में मिल रहे हैं या नहीं. ऑपरेशन की अनुमति पहले स्टेट ऑरगैन ट्रांसप्लांट संगठन फिर क्षेत्रीय ऑरगैन ट्रांसप्लांट संगठन और फिर राष्ट्रीय संगठन रजिस्ट्रेशन करेगा और इसके बाद ही अंगदान लिया जायेगा.

By Editor