The Vice President, Shri M. Hamid Ansari delivering the 25th Annual Convocation Address of National Law School of India University (NLSIU), in Bengaluru on August 06, 2017.

भारत के उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा कि देश के लोकतंत्र के लिए बहुलतावाद औऱ धर्मनिरपेक्षता बेहद जरूरी गुण हैं. वे आज बंगलूरू, कर्नाटक में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के 25वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित लॉ स्कूल से आमंत्रण मेरे लिए गर्व की बात है. खासकर तब जब मेरी तालीम कानून विषय में नहीं रही है. मैं इसके लिए संस्थान के निदेशक और फैकल्टी का धन्यवाद करता हूं. यहां  भारत के संविधान और इसकी प्रस्तावना में निहित मूल्यों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है.

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत का प्रत्येक नागरिक जिसकी आस्था इस संप्रभु, साम्यवादी और धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र पर है, उम्मीद करता है कि उसे न्याय, समानता और भाईचारे का माहौल मिले. देश का संविधान यह सुनिश्चित करता है कि हर नागरिक इस लोकतांत्रिक ढांचे में तमाम विविधताओं और वहुलताओं के साथ रहे. यही इस लोकतंत्र की मजबूती औऱ खूबसूरती है. आज हमारे सामने देश के आधारभूत स्वरूप, जो पूर्णत: धर्मनिरपेक्ष है, के मूल्यों पर एक बार फिर से जोर देने की जरूरत है. ये मूल्य हैं- समानता, धर्मनिरपेक्षता औऱ सहिष्णुता. इस विविध और बाहुलता के धनी देश में इन्हीं मूल्यों को आधार बनाकर एक दूसरे के प्रति स्वीकृति बनायी गई है और इन्हीं को नींव बनाकर ये लोकतंत्र अपनी स्थिरता को कायम रखेगा.

श्री अंसारी ने कहा कि नागरिक होने का मतलब कई कर्तव्यों का निर्वहन भी है. देश की तमाम विविधताओं और अनेकताओं से प्यार और लगाव भी उन कर्तव्यों में से एक है. यही राष्ट्रवाद का मतलब है और वैश्विक स्तर पर भी यही मतलब होना चाहिए. देश के संविधान, उसकी सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों के प्रति हर नागरिक की प्रतिवद्धता जरूरी है. तभी संविधान की प्रस्तावना में निहित वो मूल्य असल में हर व्यक्ति के जीवन में जाति, धर्म, रंग औऱ समुदाय से ऊपर उठकर भारतीयता को मजबूत करेंगे.

वहीं, इस मौके पर  कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला, भारत के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैय्या, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, कर्नाटक राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री बसावाराज रायरेड्डी, एनएलएसआईयू के कुलपति प्रोफेसर आर. वेंकट राव समेत कई और महानुभाव मौजूद थे.

 

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