उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने भी अपनी सहमति दे दी है। 

श्री मोदी ने बताया कि विलय से जहां मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की आधार पूंजी में बढ़ोत्तरी होगी जिससे ग्रामीण इलाकों में प्रभावी तरीके से ऋण वितरण का कार्य संभव हो सकेगा वहीं बैंक बेहतर तकनीक का उपयोग करने में भी सक्षम होंगे। बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के बाद अब बिहार में तीन की जगह दो ही ग्रामीण बैंक उत्तर बिहार एवं मध्य बिहार कार्यरत रहेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विलय के बाद यूको बैंक द्वारा प्रायोजित बिहार ग्रामीण बैंक के 9 जिलों की 376 शाखाएं, 5 क्षेत्रीय कार्यालय और 1500 कर्मचारी मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के अधीन हो जायेंगे। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक का कार्यक्षेत्र 11 की जगह 20 जिलों में होगा तथा इसकी शाखाओं की संख्या बढ़ कर 1078 हो जायेंगी।
गौरतलब है कि देश में कार्यरत 196 ग्रामीण बैंकों की संख्या को प्रथम चरण 2004-05 में घटा कर 82 तथा दूसरे चरण में 2014-15 में56 कर दिया गया था। केन्द्र सरकार की सहमति से नाबार्ड ने वैसे प्रायोजक बैंक के ग्रामीण बैंकों की संख्या को घटाने का निर्णय लिया है जिनके अधीन एक से अधिक बैंक कार्यरत है। फिलहाल देश में कार्यरत 56 ग्रामीण बैंकों की संख्या घटा कर 38 करने का प्रस्ताव है।

By Editor