The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the Dhola Sadia Bridge, across River Brahmaputra, in Assam on May 26, 2017.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लम्‍बे ढोला-सदिया पुल का उद्घाटन किया. शुक्रवार को पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि ढोला-सदिया पुल के शुरू हो जाने से पूर्वोत्‍तर में बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास के अवसर पैदा होंगे. देश के पूर्वी और उत्‍तर-पूर्वी भाग में आर्थिक विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और यह पुल इस संदर्भ में केन्‍द्र सरकार के विजन की दिशा में एक स्‍तम्‍भ है.

नौकरशाही डेस्‍क

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पूर्वोत्‍तर और देश के अन्‍य हिस्‍सों के बीच आपसी सम्‍पर्क को बढ़ाना केन्‍द्र सरकार की पहली प्राथमिकता है और इस संदर्भ में तेजी से कार्य किया जा रहा है. पूर्वोत्‍तर में उन्‍नत सम्‍पर्क से इस क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशिया की अर्थव्‍यवस्‍था से जोड़ा जाएगा. बता दें कि केन्‍द्र सरकार ने ढोला-सदिया पुल का नाम महान गायक, गीतकार और कवि भूपेन हजारिका के नाम पर रखने का निर्णय लिया है.

इस अवसर पर केन्‍द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नौवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में लगभग 40,000 करोड़ रुपये के राजमार्गों तथा अन्‍तर्देशीय जलमार्गों का निर्माण किया जा रहा है. इन राज्‍यों में अगले दो वर्षों के दौरान परियोजनाओं पर 1,50,000 करोड़ रुपये की योजना है. उन्‍होंने 8 पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी. उन्‍होंने बताया कि इन राज्‍यों में वर्तमान में लगभग 3,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. उन्‍होंने ब्रहमपुत्र नदी (राष्‍ट्रीय जलमार्ग-2) और बराक नदी (राष्‍ट्रीय जलमार्ग-16) पर चल रही योजना के बारे में जानकारी भी दी.

उल्‍लेखनीय है कि इस पुल के बनने से ऊपरी असम और अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए 24X7 संपर्क सुनिश्ति हो जायेगा और पूर्वोत्‍तर में रोड़ संपर्क में एक प्रमुख बदलाव आयेगा. यह पुल तीन लेन का होगा जो असम के ढोला को अरूणाचल के सादिया से जोडेगा. इस पुल के अस्तित्‍व में आने से इस क्षेत्र में संपर्क का एक लम्‍बा अंतर खत्‍म हो जायेगा. अभी तक ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए केवल दिन के समय नौका का ही उपयोग किया जाता था, और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था. इस पुल के बनने से असम के राष्‍ट्रीय राजमार्ग – 37 में रूपाई और अरूणाचल प्रदेश के राष्‍ट्रीय राजमार्ग-52 में मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जायेगी. इन दो स्‍थानों के बीच यात्रा करने में वर्तमान में 6 घंटे का समय लगता है, जो अब घटकर 1 घंटा हो जायेगा और इस तरह 5 घंटे के समय की बचत होगी.

 

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