बिहार के सभी राजनीतिक दलों ने 15 वें वित्त आयोग को सौंपे जाने वाले मांगपत्र की तैयारियों पर हुई बैठक में एक सुर से प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने के साथ ही राज्य को राजस्व के बटवारे में विशेष सहायता दिये जाने की मांग की है।


विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) की पहल पर हुई सर्वदलीय बैठक में 11 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर पटना आ रही 15 वें वित्त आयोग की टीम को सौंपे जाने वाले ज्ञापन में बिहार को विशेष दर्जा देने के साथ ही राजस्व के बटवारे में बिहार को विशेष सहायता की मांग को शामिल किये जाने पर जोर दिया गया । श्री चौधरी ने कहा कि ज्ञापन में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग शामिल होना ही चाहिए। प्रधानमंत्री ने जो विशेष पैकेज की घोषणा की थी उसकी भी चर्चा ज्ञापन में होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य को अतिरिक्त सहायता मिलना उसका हक है ।
राज्य में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार के 22 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। नेपाल की नदियों से पानी आने के कारण बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही होती है और हजारों करोड़ की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग को यह बताना चाहिए कि आखिर बिहार ने क्या अपराध किया है जो उसके साथ नाइंसाफी हो रही है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए । इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों और राज्य की जनता ने जोरदार तरीके से मांग रखी है। ऊर्जा मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजेन्द्र यादव ने कहा कि बटवारा कर झारखंड राज्य बनाये जाने से बिहार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को केन्द्र सरकार अविलंब स्वीकार करे । उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बिहार को विशेष पैकेज का भी लाभ मिलना चाहिए।

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