महज तीन हफ्ते में चार बार दलित-ठाकुर दंगे से गंभीर आलोचना की जद में आ चुकी यूपी की योगी सरकार ने सहारनपुर के डीएम एसपी को हटा दिया है जबकि मोबाइल मैसेजिंग व इंटरनेट सेवायें बाधित कर दी गयी हैं. सुलगते सहारनपुर में शांति स्थापित करने में सरकार बुरी तरह नाकाम रही है.
इससे पहले देर शाम सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया. डिवीज़नल कमिश्नर और डीआईजी का भी तबादला कर दिया गया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे और जिलाधिकारी एनपी सिंह को हटाया गया है, जबकि मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) जेके शाही को भी स्थानांतरित किया गया है.
5 मई की हिंसा के बाद  9 मई को दोबारा हिंसक झड़प हुई थी और उसके बाद मायावती के इस क्षेत्र में भ्रमण के बाद फिर एक दलित युवक की हत्या कर दी गयी जबकि अनेक लोगों को घेर-घेर कर पीटा गया. इस घटना के बाद सपा और बसपा ने योगी सरकार को निकम्मा करार देते हुए उसकी जम के आलोचना की. जबकि दूसरी तरफ भाजपा ने ताजा घटना के लिए मायावती पर आरोप लगाया कि उन्होंने लोगों को भड़काया.
गौरतलब है कि अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को ले कर मई के पहले हफ्ते में ठाकुरों और दलितों के बीच हिंसक झ़ड़प हुई थी. इस दौरान एक युवक की मौत ही गयी थी जबकि 50 से ज्यादा लोगों के घरों में आग लगा दी गयी थी. इस घटना के बाद भीम आर्मी ने सहारनपुर से ले कर दिल्ली तक प्रदर्शन किया था.
इस बीच मंगलवार को फिर हिंसा भड़कने के बाद योगी सरकार एक्शन में तो आई दिख रही है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है.
इस बीच बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर के हालात को नियंत्रित नहीं कर पाने को लेकर नाराजगी जताई, जिसके बाद डीएम और एसपी को हटाया गया.तीन हफ़्तों में चौथी बार हुई हिंसा के बाद इलाके में काफी तनाव है, जिसे देखते हुए भारी सुरक्षा तैनात की गई है.
 इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया है. सहारनपुर की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. घटना के दोषी व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है.
 

By Editor