वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने 2017-18 के लिए  एक लाख 60 हजार करोड़ का  बिहार का बजट पेश कर दिया है. इसमें शिक्षा पर 25 हजार करोड़, स्वास्थ्य पर 7 हजार करोड़ और कल्याण पर 9 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.abdul-bari.siddiqui

वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि नोटबंदी का बिहार पर कोई असर नहीं पड़ने देंगे. इस साल के बजट में महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर खास फोकस किया गया है. बुनकरों की स्थिति बेहतर करने की जरूरत है इसके लिए उनके कौशल विकास पर खासा ध्यान दिया गया है.

सरकार ने किसी नयी योजना की घोषणा नहीं की है लेकिन अपने सात निश्चयों को समय पर पूरा करने का जोर दिया है. शिक्षा के बजट को बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री ने 22 मिनट के अपने भाषण में कहा कि सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देगी जबकि टैक्स वसूली में भी कैशलेस प्रक्रिया को अपनाया जायेगा.

उन्होंने कहा कि शराबबंदी से होने वाले राजस्व हानि को न्यूनतम करने का प्रयास किया जायेगा.

 

सबसे खास बात यह रही है कि सरकार ने किसी भी क्षेत्र में नया टैक्स बढ़ा कर जनता पर बोझ नहीं डाला है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की मध्यकालीन वृद्धि दर 7.6 थी जबकि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए यह दर 6.8 प्रतिशत थी।

बजट में शिक्षा को सबसे अधिक अधिक तरजीह दी गई है। पिछले वर्ष 21897 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2017-18 में 25251 करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च होंगे। पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के माध्यम से सड़कों के निर्माण पर इस वर्ष 14 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहली बार सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के लिए 1037 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे

 

कुछ खास बातें.

1460 करोड़ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्य मद के लिए

– 410 करोड़ पिछड़े वर्ग के छात्राें के छात्रवृति के वजीफे हेतु

– 600 करोड़  बाढ़ में क्षतिग्रस्त तटबंधों और पुलों के मरम्मत के लिए

-बजट में युवाओं, महिलाओं की शिक्षा पर विशेष जोर

-शराबबंदी से होनेवाले नुकसान की भरपाई का प्रयास

By Editor