बिहार बंद शानदार, बिखर गया एनडीए, अकेली पड़ी भाजपा

RRB NTPC रिजल्ट में धांधली, बेरोजगारी के खिलाफ बिहार बंद शानदार रहा। सबसे बड़ी बात कि एनडीए पूरी तरह बिखर गया। भाजपा फिर एक बार अकेली पड़ी।

शुक्रवार, 28 जनवरी को बिहार बंद के दौरान पांच हजार से अधिक युवा बाढ़ रेलवे स्टेशन पर जमा हुए। रेल ट्रैक को पूरी तरह जाम कर दिया।

आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली, तीन-तीन साल युवाओं का बर्बाद करने, बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को बिहार बंद शानदार रहा। समस्तीपुर, हाजीपुर और कई शहरों में गुस्सा इतना दिखा कि सुबह छह बजे ही युवा सड़कों पर उतर आए। बाढ़ रेलवे स्टेशन पर पांच हजार से ज्यादा छात्र-युवा जमा हो गए और घंटों रेल परिचालन बंद कर दिया। राजधानी पटना में भी सुबह आठ बजे से ही नौजवान सड़कों पर उतर आए। बिहार का कोई कोना ऐसा नहीं रहा, जहां युवा सड़कों पर नहीं उतरे।

बिहार बंद से बिहार की राजनीति हिल गई। एनडीए पूरी तरह बिखर गया। महागठबंधन ने एकजुट होकर बंद में हिस्सेदारी की। वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने युवाओं की मांग का समर्थन किया। पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि रेलवे को अपनी गलती मान कर जल्द सुधार करना चाहिए। साथ ही ऐसा दुबारा नहीं हो, इसकी गारंटी भी करे। जदयू के अन्य कई नेताओं ने आंदोलन कर रहे युवाओं का समर्थन किया। इससे पहले हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी खुलकर छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। कई जिलों से मिल रही खबरों के अनुसार मुकेश सहनी की वीआईपी के कार्यकर्ता भी बंद का समर्थन करते दिखे। बिहार में एनडीए पूरी तरह बिखर गया। भाजपा अकेली पड़ गई।

भाजापा सांसद सुशील मोदी ने बंद को कमजोर करने के खूब प्रयास किए और वीडियो जारी करके कहा कि रेल मंत्री ने सारी मांगें मान ली। सवाल यह है कि रेल मंत्री ने खुद मीडिया के सामने आ कर क्यों नहीं कहा। रेलवे की वेबसाइट पर नोटिस क्यों नहीं जारी कर रहे और युवाओं का जीन साल बर्बाद हुआ, उसके लिए कौन जिम्मेदार है।

बंद ने खान सर की पोल भी खोल कर रख दी। वे सुशील मोदी के हवाले से बंद में शामिल नहीं होने की अपील करते रहे। क्या खान सर बताएंगे कि कल सुशील मोदी पलट गए, तो वे जिम्मेदारी लेंगे?

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By Editor