भाजपा के खिलाफ नए मोर्चे की तलाश में राजद

राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भाजपा पर देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं, सामाजिक तानेबाने को नष्ट करने का आरोप लगाया। देश में नया मोर्चा बनाने का आह्वान किया।

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद की उपस्थिति में आज पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक से चार पन्नों का विस्तृत राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को लगातार कमजोर करने, संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को देश की मुख्य धारा से जबरन बाहर करने की कोशिश की जा रही है। गांधी-नेहरू, आंबेडकर, लोहिया की विरासत को खत्म करने की साजिश की जा रही है। भाजपा और संघ सावरकर की विभाजनकारी नीतियों को लागू करने पर आमादा है। राजद ने कहा कि भाजपा ने देश को खतरनाक मोड़ पर ला दिया है।

राजद ने देश की आम अवाम का आह्वान किया कि वह इस राजनीतिक हालात में हस्तेक्षप करे। पार्टी ने सभी लोकतांत्रिक, समाजवादी दलों से भी कहा कि वे एक राजनीतिक मोर्चे के गठन के लिए आगे आएं, ताकि देश में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी मूल्यों की रक्षा हो सके।

पार्टी ने पहले से चले आ रहे यूपीए के बारे में यहां कुछ नहीं कहा है। इसका अर्थ है राजद एक नए मोर्चे का गठन चाहता है। मालूम हो कि ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ एक गैर कांग्रेसी मोर्चा बनाने की पहल कर रही हैं। कल वे लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ थीं।

बैठक में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में जातीय जनगणना के लिए अब तक दुविधा में जी रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। कहा, कि जब सभी दलों ने अपनी सहमति दे दी है, तब फिर से सबकी सहमति का इंतजार क्यों? एक न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार तेजस्वी ने यह भी कहा कि राजद राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर कांग्रेस के साथ है, पर राज्यों में ड्राइविंग सीट उसे (राजद को) मिलनी चाहिए।  

राजद का सदस्यता अभियान 12 जनवरी से शुरू हो रहा है। यह 30 जून, 2022 तक चलेगा। पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद और राज्य परिषद सहित सभी चुनाव इस साल अक्टूबर तक हो जाएंगे

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