Corona Infection की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर किये जा रहे कार्यों के संबंध में सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क Anupam Kumar, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अमृत लाल मीणा एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने जानकारी दी.

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. कल भी मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया गया था. इस क्रम में उन्होंने कम्युनिटी किचेन का निरीक्षण कर कई आवश्यक निर्देश दिए थे, जिनका अनुपालन किया जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी टेस्टिंग की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. पिछले 24 घंटे में 60,000 से ज्यादा सैम्पल्स की जांच की गयी है. सरकार द्वारा सभी मोर्चों पर आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं.

सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 1,450 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 43,820 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. बिहार का रिकवरी रेट 64.30 प्रतिशत है. 05 अगस्त को कोविड-19 के 3,416 नये मामले सामने आये हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 23,939 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 60,254 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 7,99,332 है.

लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब विभागीय अधिकारियों को फिल्ड विजिट कराने का निर्णय लिया है. पूर्व से ही कोविड केयर सेंटर्स, डिस्ट्रिक्ट डेडिकेटेट कोविड हेल्थ सेंटर्स और मेडिकल कॉलेजों में डिविजनल कमिश्नर, आई0जी0, डी0आ0ईजी0, डी0एम0, एस0पी0 के द्वारा निरंतर भ्रमण किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए कल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने स्वयं डी0एम0सी0एच0 तथा एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर का विजिट किया. अन्य वरीय विभागीय अधिकारियों को भी व्यवस्था में सुधार के लिए भेजा जा रहा हैं. जिन अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों का इलाज चल रहा है, वहां की व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु निरंतर अनुश्रवण और सुरक्षा के मानकों का प्रयोग करते हुए विजिट के क्रम में प्रत्येक कोरोना मरीज का फीडबैक लिया जा रहा हैं. हर वार्ड में विभागीय अधिकारी जाकर व्यवस्था का अनुश्रवण कर रहे हैं. प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने स्वयं एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज भागलपुर, पी0एम0सी0एच0 और एन0एम0सी0एच0 के कोविड वार्डों और आई0सी0यू0 का मुआयना किया है.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अमृत लाल मीणा ने बताया कि विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का कार्यान्वयन प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पक्की गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के अंतर्गत सभी ग्रामीण वार्डों में हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में कुल 1 लाख 14 हजार 606 वार्डों में से 1 लाख 13 हजार 382 वार्डों यानी 99 प्रतिशत से अधिक वार्डों में गली-नाली पक्कीकरण योजना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. 18 जिले ऐसे हैं जिसके प्रत्येक वार्ड में गली नाली का शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. शेष जिलों के 1 प्रतिशत से कम वार्डों में काम होना बाकी है, जिसको 31 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जायेगा.

अमृत लाल मीणा ने बताया कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है. कुल लक्ष्य 58 हजार 280 के विरूद्ध 53 हजार 372 वार्डों में कार्य पूर्ण हो चुका है. ये लक्ष्य के विरूद्ध लगभग 92 प्रतिशत उपलब्धि है. शेष वार्डों में भी बोरिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है. बाढ़ के कारण कुछ इलाकों में दिक्कत आ रही है, कार्य करने की परिस्थिति अनुकूल होते ही 15 दिनों के अंदर सभी कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे.

पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि अभी तक 86 लाख परिवारों को हर घर तक नल का जल का कनेक्शन दिया जा चुका है. विभाग द्वारा कराये गये तटस्थ मूल्यांकन में ये पाया गया है कि अच्छी संख्या में योजनाएं चालू हैं. सभी 53 हजार 372 योजनाओं के लिए वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा एक-एक अनुरक्षक की व्यवस्था की गई है. अनुरक्षक का दायित्व है कि वह योजना का समय पर संचालन करे, मरम्मती का कार्य कराये एवं उपभोक्ताओं से 30 रुपये प्रतिमाह की दर शुल्क की वसूली करे. अनुरक्षकों का मानदेय सरकार अपने संसाधनों से देती है. इस काम में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए ओ0ई0ओ0टी0 डिवाइस लगाने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है. कई जिलों के वार्डों में ओ0ई0ओ0टी0 डिवाइस स्थापित कर दी गई है. इससे पता चलता है कि कौन सी योजना कितने समय तक चली या बंद है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण पक्की गली नाली योजना की शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने को लेकर विभाग कटिबद्ध है.

अमृत लाल मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायतों के कार्यालय भवन के रुप में पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए 8,663 ग्राम पंचायतों में से 3,200 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने के लिए सरकार ने स्वीकृति जारी कर दी है. 1,409 ग्राम पंचायतों के पंचायत सरकार भवन का कार्य पूर्ण हो चुका है. इनमें ग्राम पंचायतों का कार्यालय भी संचालित हो रहा है. शेष का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ग्राम पंचायतों को यह जिम्मेवारी दी है कि वे ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण करेंगे.

लगभग 1 करोड़ 14 लाख रुपये की औसतन निर्माण लागत के पंचायत सरकार भवन का कार्यान्वयन ग्राम पंचायतों के द्वारा किया जा रहा है. इसका पंचायती राज विभाग के तकनीकी सहायकों के द्वारा पर्यवेक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही अभी तक 4 हजार 559 ग्राम पंचायतों में आर0टी0पी0एस0 केंद्र की स्थापना हो चुकी है. सरकार ने हर ग्राम पंचायत में एक-एक कार्यपालक सहायक की नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की है. सरकार ने पंचायतों की लेखा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर चार पंचायत पर एक लेखापाल की भी नियुक्ति को लेकर 2 हजार 92 पदों की स्वीकृति दी थी. अभी तक 1,500 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है. लेखापाल, पंचायतों के ऑनलाइन लेखा प्रबंधन में सहयोग कर रहे हैं.

अमृत लाल मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ग्राम पंचायतों ने अभी तक 2 करोड़ 16 लाख परिवारों को 8 करोड़ 26 लाख मास्क का वितरण किया है. इसके साथ ही 2 करोड़ 22 लाख परिवारों को साबुन का वितरण किया गया है. मास्क के वितरण से लोगों में मास्क का उपयोग करने के प्रति जागृति आयी है. पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम कचहरियों का प्रबंधन किया जाता है. विभाग ने चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के साथ एम0ओ0यू0 करके ग्राम कचहरियों के चुने हुए सरपंचों, सचिवों आदि का प्रशिक्षण कराया है.

इसके फलस्वरुप ग्राम कचहरियों की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. राज्य सरकार ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि एवं इसमे काम करने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर जिले में जिला पंचायती राज ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का निर्णय लिया है. इसके भवन निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करा दी गई है. सभी 38 जिलों में जिला पंचायती राज केंद्र स्थापित होंगे. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्रथम किस्त की 1509 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है. कुल प्राप्त संसाधनों का 70 प्रतिशत ग्राम पंचायतों, 20 प्रतिशत पंचायत समितियों और 10 प्रतिशत जिला परिषदों को स्थानांतरित कर दिया गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 124 प्रखंडों की 1,185 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. गोपालगंज में 02, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 08 राहत शिविरों में कुल 12,239 लोग आवासित हैं.

उन्होंने बताया कि 1,402 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 10,31,783 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं, और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 4,81,939 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया.

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 04 लाख 50 हजार 129 परिवारों के बैंक खाते में कुल 270.80 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है. ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अगले चार-पांच दिनों तक पूरे बिहार में लाइट टू मोडरेट वर्षापात की संभावना व्यक्त की गयी है जिसको देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है.

उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है. जल संसाधन विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोशी नदी में आज 12 बजे दिन में 1,60,795 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. गंडक नदी का डिस्चार्ज 1,72,200 क्यूसेक है और इसकी प्रवृति भी बढ़ने की है. सोन नदी में 16,950 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति स्थिर है. बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, सोनाखान, डूब्बाधार, कटौंझा, बेनीबाद एवं हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है. विगत लगभग 15 दिनों से करेह-बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है, जिसके कारण तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है, जिसे क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा गया है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकन्दरपुर, समस्तीपुर रेलपुल, रोसरा रेलपुल एवं खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है. बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है, जिसके कारण तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है, जिसे क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा गया है.

विगत 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, दीघा, गाँधी घाट, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर एवं कहलगाँव में वृद्धि हुई है. महानंदा नदी का जलस्तर तैयबपुर, एवं ढेंगराघाट गेज स्थल पर खतरे के निशान से नीचे है. कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर वीयर एवं झंझारपुर रेल पुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से ऊपर है. अधवारा नदी का जलस्तर सुन्दरपुर एवं पुपरी गेज स्थल पर खतरे के निशान से ऊपर है. मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बाँध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है. सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है.

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 05 कांड दर्ज किये गये हैं और 02 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. इस दौरान 647 वाहन जब्त किये गये हैं और 18 लाख 60 हजार 700 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है. इस प्रकार 1 अगस्त से अब तक 24 कांड दर्ज किये गये हैं और 26 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. कुल 3,754 वाहन जब्त किए गए हैं और 95 लाख 93 हजार 170 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4,282 व्यक्तियों से 02 लाख 14 हजार 100 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 28,384 व्यक्तियों से 14 लाख 19 हजार 200 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है. कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

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