मोदी सरकार जातीय जनगणना पर राजी हुई, तो क्या करेगा राजद

देश में जातीय जनगणना कराने की मांग पर तेजस्वी यादव मुखर रहे हैं। दो ऐसे कारण हैं, जिससे संभव है पीएम मोदी राजी हो जाएं। तब किसे होगा फायदा, किसे नुकसान?

कुमार अनिल

पिछले नौ महीने से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनसे प्रधानमंत्री ने आज तक बात नहीं की, लेकिन देश में जातीय जनगणना कराने की मांग पर वे बिहार के नेताओं से मिलने को तैयार हुए, मिले और बातें सुनीं। अगर प्रधानमंत्री जातीय जनगणना के सर्वथा खिलाफ होते, तो इतनी आसानी से मिलने को तैयान नहीं होते। अब भाजपा के भीतर से जो बातें छनकर आ रही हैं, उससे मालूम हो रहा है कि भाजपा जातीय जनगणना पर सहमत हो सकती है।

भाजपा के राजी होने के पक्ष में दो बड़े तर्क हैं। पहला है यूपी चुनाव और दूसरा है उसका सवर्ण जनाधार का आज भी आंख मूंद कर समर्थन करना।

यूपी चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। पीएम मोदी के सारे उपाय कर लेने के बाद भी भाजपा को बंगाल में बुरी हार मिली। यूपी में 2017 में भाजपा और उसके सहयोगियों को 325 सीटें मिली थीं। भाजपा के लिए जरूरी है कि वह फिर 300 के आसपास सीटें लाएं, वर्ना 2024 लोकसभा चुनाव में उसके लिए मुश्किल हो सकती है। 2024 में जीत के लिए यूपी में जीत सबसे जरूरी है। और इसके लिए भाजपा कुछ भी करने को तैयार होगी। सिर्फ राम मंदिर, तालिबान, जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे मुद्दे पर वह निश्चिंत नहीं हो सकती। इस बात से लोग परिचित हैं कि यूपी में गैर यादव पिछड़े ठीक उसी तरह भाजपा के साथ नहीं हैं, जैसे वे 2017 में थे, जबकि 2017 में इस वर्ग का भाजपा की जीत में बड़ा हाथ था।

इसीलिए यूपी के पिछड़ों को मजबूती से साथ लाना भाजपा की प्राथमिकता है। लोगों ने देखा कि किस प्रकार आनन-फानन में मोदी सरकार ने नीट में ऑल इंडिया कोटा के तहत पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण पर हामी भर दी। अब इसी से जोड़कर जातीय जनगणना पर भी माना जा रहा है कि मोदी सरकार तैयार हो जाएगी। यह भी माना जा रहा है कि अगर मोदी सरकार सहमत होती है, तो यूपी चुनाव में उसका इसे फायदा मिलेगा।

भाजपा के समहत होने की जूसरी वजह यह मानी जा रही है कि ऐसा करने पर उसका सवर्ण आधार छिटकेगा नहीं। वह मंदिर, धारा 370, जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे मुद्दों के कारण भाजपा के साथ है। उसके समर्थकों के लिए महंगाई मुद्दा नहीं है और वे पेट्रोल की बढ़ी कीमत से नाराज नहीं हैं।

क्या करेगा राजद

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को मजबूती से उठाया है। जातीय जनगणना से ही स्पष्ट होगा कि किस वर्ग की कितनी तादाद है और उसकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति क्या है। उसके बाद उसी अनुरूप योजनाएं बनानी होगीं, आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाना होगा। जातीय जनगणना की मांग हासिल करना हमारी पहली जीत होगी, उसके बाद भी वंचितों को न्याय दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा। हमारी पार्टी का उद्देश्य ही गैर बराबरी समाप्त करके समतामूलक समाज स्थापित करना।

आरक्षण खत्म करने का नया पैंतरा ले रही भाजपा : तेजस्वी

जो भी हो, जातीय जनगणना कराने का निर्णय राजनीतिक निर्णय होगा और मोदी सरकार अपना फायदा-नुकसान देखकर ही सहमत होगी, इनकार करेगी या टाल देने का निर्णय लेगी।

By Editor