राज्य में संवेदनशीलता के आधार पर बनाई गई प्राथमिकता सूची में शामिल 8064 कब्रिस्तानों में से 75 प्रतिशत की घेराबंदी हो चुकी है और शेष का काम जल्द ही पूरा करने का निर्देश दिया गया है। श्री कुमार ने राजद के रघुवंश कुमार यादव के तारांकित प्रश्न के उत्तर के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2006 में सर्वेक्षण करा कर 8064 कब्रिस्तानों की सूची बनाई, जहां विवाद है या विवाद उत्पन्न होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद संबंधित जिला के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कब्रिस्तानों की घेराबंदी की प्राथमिकता तय करने के लिए अधिकृत किया गया। अब तक प्राथमिकता वाले 8064 कब्रिस्तानों में से 75 प्रतिशत की घेराबंदी हो चुकी है और शेष की घेराबंदी जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता सूची में शामिल कब्रिस्तानों की घेराबंदी के संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक संवेदनशीलता के आधार पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं लेकिन यदि कोई विधायक इसी सूची में से किसी कब्रिस्तान की जल्द घेराबंदी करना चाहते हैं तो वह मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से भी इस कार्य को पूरा करा सकते हैं। श्री कुमार ने कहा कि विधायक चाहे तो मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की राशि से अपने क्षेत्र में मंदिरों की घेराबंदी भी करा सकते हैं ।
इससे पूर्व राजद के रघुवंश कुमार यादव ने कहा था कि सुपौल जिले में पिपरा के प्रखंड के कटैया गांव स्थित लाल खां का दरगाह जो कब्रिस्तान के बीच में है उसकी घेराबंदी नहीं कराई गई है। घेराबंदी नहीं होने के कारण दरगाह की पवित्रता और सुरक्षा को लेकर आशंका बनी रहती है, इसलिए सरकार जल्द से जल्द इसकी घेराबंदी कराए ।
इस पर प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी के लिए संवेदनशीलता के आधार पर सूची बनाई जाती है और कटैया गांव स्थित लाल खां का दरगाह इस सूची में शामिल नहीं है । उन्होंने कहा कि यदि विधायक चाहे तो मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से इस कार्य को करा सकते हैं।

उधर अपने चैंबर में पत्रकारों से चर्चा में उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेल राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और हर हाल में इस पर नियंत्रण सरकार का ही होना चाहिए। श्री कुमार ने भारतीय रेल के निजीकरण की ओर बढ़ते कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच आज विधानसभा स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जब देश करीब 600 रियासतों में बंटा था उस समय भी देश को रेलवे ने ही जोड़ कर रखा था। आज भी भारतीय रेल राष्ट्र की एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वह रेल मंत्री रह चुके हैं और उनकी यह भावना तथा व्यक्तिगत राय है कि भारतीय रेल पर नियंत्रण हर हाल में सरकार का ही रहना चाहिए।

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