औरंगाबाद जिले में देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनरेटिग कंपनी की सुपर ताप विद्युत परियोजना की पहली इकाई से अगले सप्ताह से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह ने आज यहां बताया कि 660 मेगावाट क्षमता वाली पहली इकाई का 72 घंटे का अंतिम परीक्ष्यमान उत्पादन चल रहा है और इसके पूरा होने के बाद इस परियोजना से व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली इकाई से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है, जिसकी 78 प्रतिशत बिजली बिहार को आपूर्ति की जानी है। इस इकाई के शुरू हो जाने से बिहार में बिजली की स्थिति पहले की अपेक्षा और बेहतर हो जाएगी।

श्री सिह ने बताया कि इस सुपर थर्मल पावर परियोजना के तहत 660-660 मेगावाट की तीन इकाइयों का निर्माण कराया जा रहा है। इस तरह इस परियोजना से कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है। उन्होंने बताया कि परियोजना की दूसरी और तीसरी इकाई का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है और पहली इकाई के चालू हो जाने के बाद इन्हें छह-छह महीने के अंतराल पर चालू कर दिया जाएगा।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के निर्माण पर कुल 17 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसके चालू हो जाने से बिहार न केवल बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा बल्कि यहां से अन्य राज्यों और पड़ोसी देश नेपाल को भी बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। इस परियोजना की तीनों इकाइयों से बिहार को 1545 मेगावाट बिजली मिलनी है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है और यहां बिजली के उत्पादन में न केवल कोयले की कम खपत होगी बल्कि यह पूरी तरह प्रदूषण रहित भी है।
श्री सिंह ने बताया कि इस परियोजना के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी की पुनर्वास और पुनस्र्थापन नीति के तहत संयंत्र आस-पास तथा जिले में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की विभिन्न योजनाओं पर 62 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जिससे इस इलाके में विकास को एक नई गति मिलेगी। इसके तहत क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के दूसरे चरण में आठ-आठ सौ मेगावाट की तीन अन्य इकाइयों के निर्माण का प्रस्ताव है। इन तीन इकाइयों के विस्तार पर कुल 18 हजार करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। यदि इन तीन और इकाइयों का निर्माण करा दिया जाता है तो यह बिजली परियोजना पूरे देश की तीसरी सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक परियोजना हो जाएगी।

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