भारतीय जनता पार्टी के सदस्य ओम बिड़ला बुधवार को सर्व सम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

गृहमंत्री अमित शाह ने श्री बिडला के सभा का अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव किया, जिसका वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समर्थन किया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसका समर्थन किया। इस तरह से श्री बिडला के समर्थन में सदन में कुल 14 प्रस्ताव सदन में आए।

विपक्षी दलों ने भी उनके नाम का जोरदार समर्थन किया। सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उनके नाम का प्रस्ताव किया। द्रविड मुनेत्र कषगम के नेता टी आर बालू ने उनके नाम का प्रस्ताव भी किया और समर्थन भी किया। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप्त बंद्योपाध्याय ने उनके नाम का प्रस्ताव कर समर्थन किया। अस्थायी उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उनका कोई प्रस्ताव नहीं आया था इसलिए पहले उन्हें अनुमति नहीं दी गयी लेकिन जब उन्होंने जोर दिया तो उनको समर्थन का अवसर दिया गया जिस पर पूरे सदन में तालियां गूंजने लगी।

सर्व सम्मति से श्री बिडला का लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की अस्थायी अध्यक्ष की घोषणा के बाद श्री मोदी, श्री चौधरी, श्री बालू, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी तथा श्री बंद्योपाध्याय सहित कई प्रमुख नेता श्री बिडला को लेने उनकी सीट तक गये और उन्हें अध्यक्ष के आसन तक लाए।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को जन भावनाओं से जुड़ा राजनेता बताते हुए कहा है कि उन्होंने गरीब और पीड़ितों के लिए काम किया है और उनका पूरा जीवन सामाजिक संवेदनाओं से भरा है इसलिए उन्हें पूरा भरोसा है कि वह सबको समान अवसर देकर सदन का संचालन करेंगे।

श्री मोदी ने श्री बिडला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद सदन से उनका परिचय कराते हुए कहा कि वह विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति से जुड़ गये थे और 15 साल तक उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। लोकसभा का सदस्य बनने से पहले उन्होंने राजस्थान विधानसभा में अपने क्षेत्र की जनता की सेवा की है।

By Editor