PM के आंदोलनजीवी वाले बयान पर विपक्ष ने किसे बताया दंगाजीवी

आज प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आंदोलनजीवी बताकर मजाक उड़ाया। एफडीआई का भी नया अर्थ बताया। जानिए राजद और कांग्रेस ने क्या कहा।

कुमार अनिल

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए कहा कि आजकल एक नई जमात पैदा हो गई है। यह नई जमात है आंदोलनजीवी। ये हर आंदोलन में पहुंच जाते हैं। चाहे छात्रों का आंदोलन हो, वकीलोंं का आंदोलन हो, ये पहुंच जाते हैं। देश को इनसे सावधान रहना होगा। प्रधानमंत्री ने जब इस तरह विपक्ष का मजाक उड़ाया, तो सत्तापक्ष से कभी हंसी छूटती रही, कभी मेजें थपथपाई गईं।

प्रधानमंत्री ने उसी भाषण में एफडीआई का नया फुल फॉर्म बताया- फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आयडोलॉजी। उन्होंने इससे भी देश को खतरा बताया।

प्रधानमंत्री द्वारा विपक्ष को आंदोलनजीवी बताकर मजाक उड़ाने पर विपक्ष ने भी जोरदार जवाबी हमला किया। राजद के रणनीतिकार संजय यादव ने लोगों से पूछा आप आंदोलनजीवी और दंगाजीवी में किसे चुनना चाहेंगे। यह भी पूछा कि आंदोलन से लोकतंत्र मजबूत होता है और दंगे से?

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राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी कहकर विपक्ष का नहीं, बल्कि गांधी, नेहरू, लेहिया और जेपी का मजाक उड़ाया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद अपने दल के नेताओं का भी मजाक उड़ाया है। अटल बिहारी वाजपेयी भी आंदोलनों में पहुंचते थे, यह उनका भी मजाक उड़ाना है।

प्रदेश युवा राजद ने कहा कि आंदोलनजीवी तो गांधी भी थे। अब समझ आया कि अंग्रेजों के खबरियों को आंदोलन शब्द से क्यों नफरत है। आंदोलन सत्ता के दमन और अहंकार के विरुद्ध नागरिक अभिव्यक्ति है। बिना आंदोलन के लोकतंत्र कैसा?

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री भूल रहे हैं कि आंदोलन के कारण ही देश आजाद हुआ। देश आजाद न होता, तो वे उस कुर्सी पर न होते।

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