राज्यपाल फागू चौहान ने कहा है कि सिखों के आदिगुरू श्री गुरू नानक देव जी ने विश्व शांति और मानवता के उच्चतम मूल्यों को स्थापित करने के लिए सार्थक प्रयत्न किये और उनके संदेश मानवता के लिए आज भी प्रेरणादायी हैं।

श्री चौहान ने राजधानी पटना के राजकीय महिला महाविद्यालय, गुलजारबाग के परिसर में आयोजित सिखों के आदिगुरू श्री गुरू नानक देव जी के 550वें जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि सिखों के आदिगुरू श्री गुरू नानक देव जी ने विश्व शांति और मानवता के उच्चतम मूल्यों को स्थापित करने के लिए सार्थक प्रयत्न किए। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वे जीवन भर मानव-सेवा में लगे रहे। आदिगुरू ने संदेश दिया कि ईश्वर सत्य है और मनुष्य को अच्छे कार्य करने चाहिए, ताकि परमात्मा के दरबार में उसे लज्जित न होना पड़े और संसार में भी सभी लोग उसकी प्रशंसा करें।

राज्यपाल ने कहा कि गुरू नानक देव जी सांसारिक प्रेम को मिथ्या मानते थे और ईश्वर से ही श्रद्धा और भक्ति का नाता जोड़ने की शिक्षा देते थे। प्रेम, शांति, सद्भावना और ईश्वर के प्रति भक्ति के संदेश को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए गुरू नानक देव जी ने दूर-दूर तक यात्रा की। लगभग दो दशकों में उन्होंने चालीस हजार मील की यात्रा की। कहा जाता है कि पूर्व दिशा की ओर अपनी पहली यात्रा के दौरान वे सन् 1506 में बिहार आए थे। राज्यपाल ने कहा कि ‘‘मुझे अत्यन्त प्रसन्नता है कि इस वर्ष केन्द्र सरकार ने गुरू नानक देव जी की ‘550वीं जयंती’ को वृहत पैमाने पर मनाने का निर्णय किया है। इसके तहत् न सिर्फ देश भर में, बल्कि विदेशों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।’’
श्री चौहान ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए लोकसंपर्क एवं संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर तक चलनेवाली प्रदर्शनी के माध्यम से भी आम जन गुरू नानक देव जी के जीवन-दर्शन और संदेशों से प्रेरणा ग्रहण कर पायेंगे। उन्होंने ‘डिजिटल प्रदर्शनी’ का उद्घाटन तथा अवलोकन भी किया। उन्होंने गुरूनानक देव पर आधारित एक लघु फिल्म भी देखी।

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