उप मुख्यमंत्री सह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि राज्य में आज से शुरू हुये पंद्रह दिवसीय वन महोत्सव के दौरान डेढ़ करोड़ पौधे लगाये जाएंगे।


श्री मोदी ने  बिहार वेटनरी काॅलेज के मैदान में ‘वन महोत्सव’ के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान अपने संबोधन में ‘एक पौधा लगाएंगे, धरती को बचायेंगे’ का आह्वान करते हुये कहा कि 01 अगस्त से 15 अगस्त 2019 तक वन महोत्सव के दौरान वन विभाग की ओर से एक करोड़ तथा ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 50 लाख यानी कुल डेढ़ करोड़ पौधारोपण किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य के रूप में झारखंड के गठन के बाद बिहार में मात्र आठ प्रतिशत वन क्षेत्र बचा था। सरकार ने कृषि रोडमैप के तहत इसे बढ़ाकर वर्ष 2017 में 15 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक राज्य के हरित आच्छादित क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

श्री मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने ‘जल-जीवन-हरियाली’ तथा केंद्र सरकार ने ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरूआत की है। बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी नहर, तालाब, सड़क किनारे जहां भी संभव हो, जमीन के हर उस हिस्से में पौधरोपण किया जाएगा। निजी तौर पर पौधा लगाने वालों को वन विभाग 10 रुपये की दर से पौधा उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि आम लोग इस अभियान से जुड़ें और हर परिवार एक पौधा अवश्य लगाएं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का अकेला देश है, जहां पेड़-पौधे, नदी-तालाब, पशु-पक्षी और जीव-जन्तु की पूजा की प्राचीन परम्परा है। मत्स्य पुराण की मान्यता है कि एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है। एक पेड़ वर्षा को आकर्षित, मिट्टी और जल को संरक्षित, बाढ़ एवं सुखाड़ के कुप्रभाव तथा वायु और जल प्रदूषण को कम करने के साथ ही फल-फूल, छाया, ईंधन और लकड़ी देता है तथा वायुमंडल को भी ठंढा करता है।

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