लॉकडाउन में बिहार के 25 लाख छात्र- मजदूर अन्य राज्य में फंसें है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उनके साथ सौतेल रवैया देख कर तेजस्वी यादव ने 50 ट्रेनों का किराया देने का ऐलान कर दिया है.

असमर्थ बिहार सरकार को देंगे 50 ट्रेनों का किराया

दाने-दाने, और खाने को तरस रहे बिहार के प्रवासी लोगों की पिछले 42 दिनों से स्थिति बद से बदतर है. लेकिन राज्य सरकार उन्हें बिहार लाने की दिशा में लाकडाउन के नियमों का हवाला देती रही. फिर जब उन्हें बस से बुलाने का फैसला हुआ तो राज्य सरकार संसाधन का रोना रो कर अपने हाथ खड़े कर लिये. लेकिन तब भी तेजस्वी यादव ने बिहारी लोगों के लिए दिल खोल कर मदद करने की घोषणा की थी और कहा था कि उनकी पार्टी 2000 बसें राज्य सरकार को देने को तैयार है.

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लेकिन अभ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरेक राज्य को उनके नागरिकों को भेजने के लिए ट्रेन की इजाजत दे दी है तो अब राज्य सरकारों को किराया का बोझ उठाना पड़ रहा है. ऐसे में बिहार सरकार की तरफ से फिर से आनाकानी की जाने लगी है.

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ऐसे में तेजस्वी यादव, जो सीएम नीतीश कुमार को अकसर चाचा कह कर संबोधित करते हैं, ने अपने चाचा पर दरियादिली के मामले में भारी पड़ गये हैं.

तेजस्वी ने ट्विट कर कहा “राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम मज़दूरों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी”।

तेजस्वी ने दूसरे ट्विट में लिखा कि ” आदरणीय @NitishKumar जी, ग़रीब मज़दूरों की तरफ़ से 50 ट्रेनों का किराया राजद वहन करने के लिए एकदम तैयार है क्योंकि ड़बल इंजन सरकार सक्षम नहीं है।कृपया अब अविलंब प्रबन्ध करवाइए। @SushilModi जी- कुल जोड़ बता दिजीए, तुरंत चेक भिजवा दिया जाएगा। वैसे भी आपको खाता-बही देखने का शौक़ है”।

गौरतलब है कि एक मई को पहली ट्रेन दानापुर आयी थई जिसमें 1150 लोग आये थे. 5 मई को 12 ट्रेनें अलग अलग जगहों से आ रही हैं औऱ इसमें 13 हजार के करीब लोग आ रहे हैं.

By Editor