बिहार, नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक, 2018 में पिछड़ गया है। एसडीजी सूचकांक देश में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश, केरल और तमिलनाडु ने किया है। जबकि बिहार का एसडीजी सूचकांक निराशजनक रहा। बिहार के साथ – साथ असम और उत्तर प्रदेश भी इस मामले में फिसड्डी साबित हुआ।

नौकरशाही डेस्क

शुक्रवार को जारी नीति आयोग के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सूचकांक को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण की स्थिति के आधार पर तैयार किया गया है। आयोग ने एसडीजी इंडिया सूचकांक विकसित किया है।  यह एक मापने योग्य सूचकांक के आधार पर राज्यों-संघ शासित प्रदेशों की प्रगति का आकलन करने वाले वृहद सूचकांक है।

इसकी पहली रिपोर्ट भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से तैयार की गयी है। इस सूचकांक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा एसडीजी में तय किये गये 17 में से 13 लक्ष्यों को शामिल किया गया है। चार अन्य लक्ष्यों को राज्य स्तर पर आंकड़ों के अभाव में छोड़ दिया गया है। सूचकांक के तहत राज्यों की निगरानी संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताये गये 306 राष्ट्रीय संकेतकों में से62 पर तत्काल आधार पर की जायेगी।

एसडीजी में बहु लक्ष्यों पर प्रगति

नीति के दस्तावेज में कहा गया है कि शून्य भुखमरी के पैमाने पर गोवा, केरल,मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड आगे रहे हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इस रिपोर्ट पर कहा कि इसमें राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की एसडीजी के बहु लक्ष्यों पर प्रगति को दर्शाया गया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कान्त ने कहा कि एसडीजी इंडिया सूचकांक 62राष्ट्रीय संकेतकों पर सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की प्रगति का आकलन करता है।

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