बिहार के एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के सृजन घोटाले में प्रमुख आरोपी की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हैं.सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिहार का यह घोटाला मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले के रास्ते पर जा रहा है?
याद रहे कि मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापम घोटाले में अब तक कोई दर्जन भर अधिकारियों की संदिग्ध हालत में मौत हो चुकी है. इस घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी उंगिलायां उठी थीं.
इधर बिहार के भागलपुर के सृजन घोटाले में महेश मंडल पहले आरोपी के रूप में याद किये जायेंगे जिनकी मौत हिरासत में लिये जाने के बाद, इलाज के दौरान हुई है. मृतक महेश मंडस भागलपुर में क्लायण विभाग में नाजर थे. उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनकी आलीशान कोठी और उनके बेटे शिव कुमार मंडल काफी चर्चा में हैं. शिव कुमार मंडल जिला जदयू के युथ विंग के अध्यक्ष हैं.
घोटाला आरोपी महेश मंडल.. कितना है महत्वपूर्ण
महेश मंडल की मौत के बाद परिजनों और उनके करीबियों में काफी आक्रोश है. उनका आरोप है कि उनके इलाज में जेल प्रशासन ने भारी कोताही बरती. हालांकि जेल प्रशासन का कहना है कि विशेष केंद्रीय कारा के जेलर रामानुज कुमार ने कहा कि महेश का सूगर बढ़ा था. किडनी भी खराब थी. पहले उनका इलाज कारा के चिकित्सकों द्वारा किया गया. फिर मायागंज अस्पताल भेजा गया. इलाज के बाद उन्हें वापस लाया गया था लेकिन अचानक फिर तबियत बिगड़ गयी. फिर इलाज के लिए भेजा गया जहां उनकी मौत हो गयी. मौत के मेडिकल कारणों का पता तो तब चलेगा जब इसकी रिपोर्ट सामने आयेगी.
महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि कल्याण विभाग के खाते से पैसों का ट्रांस्फर सृजन मिहाल विकास समिति के खाते में करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. सरकार के विभिन्न विभागों से अब तक एक हजार करोड़ के घोटाला उजागर हो चुका है. इस घोटाला मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है.