सृजन घोटाले की सीबीआई जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे वहां के अनेक तत्कालीन कोलेक्टरों के दामन पर घोटाले का छीटा पड़ता हुआ दिख रहा है.
इस बात क मद्देनजर सीबीआई ने तत्कालीन कोलेक्ट्रों के मेबाइल की कॉल डीटेल्स मांगी है. याद रहे कि इस दौरान संतोष कुमार मल्ल, वंदना प्रियेसी, राहुल सिंह वहां के डीएम रहे हैं. सीबीआई को शक है कि इन जिलाधिकारियों के कार्यकाल में पैसों की जो निकासी हुई उसके लिए उन्होंने दस्तखत किये थे. हालांकि प्रशासनिक हल्कों में यह बात भी कही जा रही है कि इन अधिकारियों के नकली दस्तखत भी किये गये हों. इस बात की तस्दीक के लिए सीबीआई जोर आजमाइश कर रही है.
गौरतलब है कि भागलपुर की सृजन महिला विकास समिति नामक संस्था में समय समय पर सरकारी धन को ट्रांस्फर किया जाता रहा है. यह काम पिछले आठ-दस सालों से किया जा रहा है. पाठकों को याद होगा कि नौकरशाही डॉट कॉम ने 2004-5 के दौरान तत्कालीन डीएम केपी रमैया द्वारा निर्गत निर्देश की कापी छापी थी जिसमें उन्होंने अपने मातहत अफसरों से कहा था कि सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी राशि उसके खाते में ट्रांस्फर किया जाये.
पिछले अनेक वर्षों से चल रहे इस घोटाले में अनुमानित रूप से 1200 करोड़ रुपये का घोटला हुआ है. नौकरशाही डॉट कॉम ने पिछले दिनों एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें इस बात के प्रमाण थे कि सृजन के अकाउंट से भाजपा के दुमका के सांसद की जमीन पर बनने वाले मॉल की कम्पनी को भी लाखों रुपये ट्रांस्फर किये गये थे. संभव है कि अगले कुछ दिनों में सीबीआई की जांच वहां तक पहुंचे और कई चौंकाने वाली सच्चाइयां भी सामने आयें.