यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के बैनर तले पटना में आयोजित अबकी बार नफरत की हार कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चालीस साल के अपने सार्वजनिक जीवन और उससे पहले मजदूरी की जिंदगी बिताते हुए एक दलित के रूप में जो नफरत झेली उसे लोगों को सुनाया.
इस कार्यक्रम का आयोजन आफ्ताब आलम की पहल पर पटना में हुआ.
जीतन राम मांझी ने कहा कि वह चालीस साल से सार्वजनिक जीवन में रहते हुए नफरतों का पहाड़ झेला है. पहले वह ये बातें किसी को नहीं बताते थे लेकिन अभ बताने में नहीं हिचकते.
अध्यक्षता- नदीम खान ने की जबकि मंच का संचालन अबरार रजा और नकीब एकता ने किया.
कार्यक्रम के आयोजक महताब आलम ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि अन्याय करने वाला ही दोषी नही है बल्कि उस अन्याय को मूकदर्शक बनकर देखने वाले भी बराबर के दोषी हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले वक्त में बिहार में पीड़ितों की लड़ाई को तेज किया जाएगा।
अररिया में पीट पीटकर हत्या कर दिए गए काबुल मियां के बेटे में अपनी आपबीती बताई दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जैनुल अन्सारी के छोटे बेटे अशरफ अली ने सीतामढ़ी में भीड़ द्वारा अपने पिता के जलाकर मार दिए जाने की घटना पर बताया कि स्थानीय नेता के दबाव में दोषियों की गिरफ्तारी नही हो पा रही है उन्होंने लोगों से मदद की गुजारिश की।
राजद विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने मोब लीनचिंग में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने कर लिए यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि बुद्ध की भूमि बिहार में भी नफरती हमलों की संख्या बढ़ रही है इसपर गहन मंथन की आवश्यकता है। तथा सभी लोगों को मिलकर सामूहिक रूप से इसका सामना करना होगा। उन्होंने बताया कि इस फासिस्ट सरकार के संरक्षण में दलित-अल्पसंख्यक पर हमले अप्रत्याशित रूप से बढ़े हैं। सभी मोब लीनचिंग की घटना से भाजपा से जुड़े लोग संलिप्त पाए जाते हैं। उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार संघ के विचारधारा के आगे घुटने टेक चुके हैं इसलिए दंगाइयों को खुली छूट मिली हुई है। राजद विधायक ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए युवा नेता महताब आलम के प्रयासों की सराहना की।
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य लईक अहमद ने मोब लीनचिंग पीड़ित परिवार के सदस्यों को इस तानाशाही सरकार में न्याय की आवाज़ बुलंद करने के लिए बहादुरी का पर्याय बताया। उन्होंने बताया कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए मोब लीनचिंग जैसी घटनाओं को प्रोत्साहित करती है ताकि लोग असली मुद्दों पर सवाल न कर सकें। हैदराबाद से आये लईक ने बताया कि भारत के बेहतर भविष्य के लिए आज सबको मिलकर काम करने और नफरत को रोकने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता कुमार आशीष ने पीड़ित परिवार के लोगों के साथ खुद को खड़ा बताया। और कहा कि पूरे देश में खौफ का माहौल है और ये खौफ समाज को तोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 2019 में देश की जनता इस फासीवादी सरकार को दिल्ली से बाहर करके फिर से अमन बहाल करने का काम करेगी।
यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य और देश भर में मोब लीनचिंग की घटनाओं पर आवाज़ उठाने वाले नदीम खान ने बताया कि देश मे हेट क्राइम की हेट इंडस्ट्री चल रही है। देश भर ने हुई सारी लीनचिंग पोलिटिकल किलिंग करार दिया और बताया कि हर ऐसी घटना के बाद कुछ लोग उस घटना को न्यायोचित ठहराते हुए उसका राजनीतिकरण करते हैं तथा वोट हासिल करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि हर ऐसी घटना के बाद भाजपा के लोग दोषी को बचाने के लिए व8भिन्न हथकंडे अपनाते हैं और दोषियों को सरकारी सह प्रदान किया जाता है।
नदीम खान ने बिहार में इस तरह के आयोजन और पीड़ित परिवारों की आवाज़ों को बुलंद करने के लिए युवा नेता महताब आलम की सराहना की।
रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उसका बेटा इस दुनिया से विदा हो चुका है लेकिन अपने आखिरी पत्र में रोहित ने जिन सवालों को खड़ा किया था उसको पूरे देश मे पूछा जाना चाहिए और मैं इसके लिए संघर्षरत हूँ। रोहित और अफ़राज़ूल के कत्ल के कारक नफ़रत ही थे। इस सरकार में संविधान के जलाए जाने की घटना और उसके बाद चुप्पी पर उन्होंने दुख जताया और कहा कि ये सरकार न सिर्फ धार्मिक नफरत को बढ़ावा दे रही है बल्कि शिक्षण संस्थानों में नजीब, रोहित की हत्या हुई और अब ये नफरती हमले बिहार तक पहुंच गए हैं।
रोसड़ा , नवादा, औरंगाबाद, सीतामढ़ी समेत बिहार भर में नफरती हमले पर चिंता जताया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने संबोधित करते हुए कि इस आयोजन की सराहना की और कहा कि इस वक़्त में समाज में नफरत फैलाने वाले संगठित और मजबूत हैं। इसके लिए ऐसी गोष्ठियों के माध्यम से युवाओं को संगठित और जागृत किया जाना चाहिए। मांझी ने केंद्र सरकार के ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे को सत्ता प्राप्त करने मात्र का नारा बताया। उन्होंने समाज मे नफरत की जड़ को मनुवाद के वजह से व्याप्त असमानता और रूढ़िवादी सोच को बताया। उन्होंने समाज से समानता दूर करने के लिए देशभर में एकसमान स्कूली शिक्षा लागू करने की वकालत की। पूर्व मुख्यमंत्री ने आदिवासी-पिछड़े-अल्पसंख्यकों के वोटर लिस्ट से नाम गायब होने पर भी चिंता जताई और कहा कि वोटर लिस्ट को भी आधार से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वोट को आधार से जोड़कर बाहुबलियों द्वारा फर्जी वोटिंग को रोका जा सकता है। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना के रिपोर्टों को उजागर करने की भी मांग की। मांझी ने अनुसूचित जाति – जनजाति और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को मजबूत करने के लिए सेपरेट इलेक्टोरल की मांग की।