सरकार अपने केंद्रीय कर्मियों की कार्यक्षमता का अधिकाधिक इस्तेमाल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसलिए वह उन्हें स्वस्थ रखने के लिए यह अनूठा प्रयोग कर रही है.
केंद्रीय कार्मिक विभाग के तहत काम करने वाली गृह कल्याण केंद्र ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें केंद्रीय कर्मी और उनके परिजनों को सप्ताह भर का मेडिकल योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण सुबह साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक चलेगा।
सर्कुलर में जोड़ों में दर्द, रीढ़ का दर्द, मधुमेह, ब्लड प्रेशर समेत अन्य बीमारियों में योग से होने वाले फायदे भी बताए गए हैं। प्रशिक्षण का यह डोज सात जुलाई से शुरू हो रहा है। यह प्रशिक्षण नई दिल्ली के पंडारा रोड में दिया जाएगा।
बताया जाता है कि केंद्रीय कर्मियों व अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार, दक्षता बढ़ाने और स्वस्थ रहने के लिए मेडिकल योग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नयी सरकार बेहतर कार्य और परिणाम के लिए संकल्पबद्ध है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सरकारी अधिकारियों व कर्मियों की बड़ी भूमिका है।
इसलिए उनके मन-मिजाज को तरोताजा और स्फूर्त रखने के लिए यह कवायद की जा रही है। सूत्रों की माने तो मेडिकल योग हमारी परंपरागत योग पद्धति और आधुनिक विज्ञान का मिलाजुला रूप है। इसके इस्तेमाल से कई रोगों का निदान होता है। इसका लाभ भी मिलता है। यह कोई नयी विधि नहीं है।
भारत सरकार में यह पहले भी आयुष विभाग के मार्फत लागू किया जा चुका है।
वैसे बताया यह भी जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं योग करते हैं और योग उनके दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे माहौल में यदि सभी कर्मियों के लिए लागू किया जा रहा है तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। आखिरकार इसका फायदा देश को ही मिलने वाला है। जब कर्मचारी मन-मिजाज से स्वस्थ होंगे, तभी वह अधिक बेहतर कार्य कर सकते हैं।
इस प्रशिक्षण का विस्तार हो तो इसका फायदा भी होगा। फिर बाबा रामदेव ने जिस प्रकार से योग को लोकप्रिय बनाया है और उसको आमजीवन का हिस्सा बना दिया है। उससे इसके विस्तार में भी ज्यादा कठिनाई नहीं आने वाली है और हर जगह प्रशिक्षक भी मिल जाएंगे।