सऊदी अरब के रियाद के एक कार्यक्रम में बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अप्रवासियों बिहारियों को आश्वस्त किया कि सरकार पटना में इंटरनेशन एयरपोर्ट बनाने की दिशा में काम कर रही है.
गौरतलब है कि बिहार फाउंडेशन के सऊदी अरब चैप्टर सरकार से यह मांग अनेक बार कर चुकी है. मध्यपूर्व देशों में बिहार के पांच लाख के करीब लोग काम करते हैं. इस अवसर पर सिद्दीकी ने यह भी आश्वस्त किया कि बिहार सरकार प्रवासी बिहारियों के लिए एक अलग विभाग बनाने पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि पटना से सऊदी अरब के बीच अगर सीधा हवाई सम्पर्क शुरू हो जाता है तो इससे बिहार के कृषि उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण बाजार मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेंगे कि रियाद में सरकारी स्तर पर बिहार दिवस का आयोजन शुरू किया जाये.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पहल
उन्होंने वादा किया कि वह अगली बार अपने विभाग के आला अधिकारियों के साथ रियाद का दौरा करेंगे और मुख्यमंत्री से भी आग्रह करेंगे कि वह भी वहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लें.
इस अवसर पर बिहार फाउंडेशन के चेयर मैन ओबैद्र्रहमान ने स्वागत भाषण देते हुए बिहार का बंगाल से अलग हो कर नये राज्य के गठन के इतिहास पर चर्चा की. उन्होने बिहार के युवाओं के टैलेंट की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें और अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने जोर दिया कि बिहार में तकनीकी संस्थान और क्वालिटी स्तर के विश्विवद्यालय खोले जाने की आवश्यकता है.
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में सफल व्यवसयायी राशिद अली खान ने बिहार में निवेश करने का वादा किया. रफीक और मुअजम अली ने भी कहा कि वह बिहार में निवेश करने की इच्छुक हैं.
कार्यक्र में सऊदी अरब के किंग अब्दुल अजीज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर आसिफ दाऊदी ने भी अपने विचार रखे. दाऊदी ने इस अवसर पर बिहार में पढ़ाई के दौरान अपने संघर्षों की चर्चा की और बताया कि कैसे वह अरब के विश्वविद्यालय तक पहुंचे. समारोह में एयर इंडिया के अधिकारी कुंदन लाल ने कहा कि सउदी अरब से पटना की यात्रा करने वालों के लिए विशेष सुविधा के लिए कम्पनी का ध्यान आकृष्ट करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि पटना के यात्रियों को अधिकतम तीन घंटे से ज्यादा इंतजार न करना पड़े.
इससे पहले अब्दुलबारी सिद्दीकी ने मक्का जा कर उमरा अदा किया.
कार्यक्रम का संचालन कौनैन शहीदी ने किया जबकि फाउंडेशन के उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने की नोट एड्रेस पढ़ा. जबकि डाक्टर दिलशाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया.