सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न सहित उसमें होने वाले अन्य बदलावों की संभावनाओं पर विचार करने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। यह रिपोर्ट आज संसद में पेश की जायेगी।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव अरविन्द शर्मा की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति का गठन इस वर्ष मार्च में किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अंतिम फैसला लेने से पहले सरकार रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने के संबंध में फैसला लिया जाएगा। छात्रों की मांग है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वालों को समान अवसर देने के लिए सीसैट के पैटर्न में बदलाव किया जाए।
सिविल सेवा पीटी में 200-200 अंक के दो पर्चे होते हैं। सीसैट-1 और सीसैट-2। सीसैट-2 में काम्प्रिहेंशन, तर्कशक्ति, विश्लेषणात्मकता, निर्णयण, गणित आदि सहित दसवीं के स्तर के अंग्रेजी भाषा का काम्प्रिहेंशन आता है। छात्रों को परीक्षा में एप्टिटयूड और अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों के स्तर पर आपत्ति है, उनका दावा है कि वह परीक्षा के लिए निर्धारित सिलेबस से काफी उंचे स्तर के होते हैं।
उधर कलसंघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सी-सेट के मुद्दे पर फैसला टालने के आरोप में जदयू सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। विरोधी दलों ने मांग की है कि इस मामले पर जल्दी फैसला लिया जाये, जबकि सरकार की और से प्रकाश जावेडकर ने एस मुद्दे पर जल्दी ही गौर किये जाने का आश्वासन दिया है।