उर्दू पत्रकारिता में एक बड़ा कदम उठते हुए, भारतीय जन संचार संस्थान ने दिल्ली में उर्दू पत्रकारिता में पांच महीने का एक डिप्लोमा पाठयक्रम शुरू किया है.
इस कोर्स का उद्देश्यम उर्दू भाषा में अखबारों में काम कर रहे पत्रकारों की कुशलता बढ़ाना और उर्दू भाषा में मीडिया व्यावसायिकों की क्षमता वृद्धि करना है.सूचना एवं प्रसारण मंत्री, श्री मनीष तिवारी की पहल पर इस पाठ्यक्रम की शुरूआत हुई है. भारतीय जनसंचार संस्थान(आईआईएमसी) भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन पत्रकारिता के प्रशिक्षण देने वाला प्रमुख संस्थान है.
पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले मनीष तिवारी ने उर्दू संपादकों के अखिल भारतीय सम्मेलन में कार्यरत पत्रकारों और उर्दू अखबारों के संपादकों से विस्तृंत विचार-विमर्श किया.
चर्चा के दौरान उर्दू अखबारों के प्रतिनिधियों ने मंत्री से अनुरोध किया कि वे मीडिया में काम करने वालों की क्षमता और कौशल बढ़ाने के लिए पहल करें.
ये पाठ्यक्रम इस समय गैर-आवासीय प्रकार का है.इसके दौरान पत्रकारिता में सम-सामयिक प्रवृत्तियों, प्रौद्योगिकी के इस्ते माल, कॉपी राइटिंग और टेलीविज़न के लिए लेखन पर जोर दिया जाएगा.इसका उद्देश्यइ प्रतिभागियों की क्षमता और कौशल में वृद्धि करना है.
भारतीय जनसंचार संस्थाकन ने 16 सितम्बयर, 2013 को हिन्दीव और उर्दू के बड़े अखबारों में विज्ञापन छपवाकर पाठ्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे.प्रवेश परीक्षा 20 अक्तू3बर, 2013 को हुई. साक्षात्कारर 09 नवम्ब्र, 2013 को लिए गए। यह पाठयक्रम 02 दिसम्बिर, 2013 को 8 छात्रों के साथ शुरू हो चुका है.
प्रवेश परीक्षा में कुल 12 उम्मी दवार बैठे थे, जिनमें से 11 उम्मीरदवारों को साक्षात्का र के लिए चुना गया था. अप्रैल 2014 तक पाठ्यक्रम पूरा होने की उम्मीद है.