सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा है कि शांति ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास का एकमात्र रास्ता है. आतंकवाद तथा उग्रवाद विकास विरोधी है. इसलिए सरकार के विकास कार्यक्रमों, विशेषकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बनाए गए कार्यक्रमों और नीतियों का प्रचार- प्रसार करना महत्वपूर्ण है. यह बात मंत्री महोदय ने गुवाहाटी में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पूर्वोत्तर के लिए शुरू किये गए कार्यक्रमों और नीतियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के दौरान कही. इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवल, पूर्वोत्तर क्षेत्र के अधिकारियों के साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
नौकरशाही डेस्क
मंत्री महोदय ने कहा कि उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए स्थानीय बोलियों और भाषाओं में कार्यक्रमों को विकसित करना आवश्यक है. वर्तमान में लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए आकाशवाणी पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित 28 बोलियों में प्रसारण करता है. पूर्वोत्तर क्षेत्र में समग्र संचार दृष्टिकोण हेतु सूचना और प्रसारण मंत्रालय के लिए कौशल विकास पहली प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा. यह पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सरकारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का पूरक होगा.
उन्होंने कहा कि इससे मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा. कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के विस्तारित परिसर के रूप में, अरुणाचल प्रदेश में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान की स्थापना की जाएगी. इसका परिसर 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और इसकी लागत 200 करोड़ रूपए होगी. मंत्री ने आइजोल में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान(आईआईएमसी) के स्थायी परिसर की स्थापना का भी उल्लेख किया. आईआईएमसी को पूर्वोत्तर क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मीडिया प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. संस्थान को 25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा.
सामुदायिक रेडियो के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि हाल ही में मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए सब्सिडी स्तर को 90% तक बढ़ा दिया है. सामुदायिक रेडियो स्टेशन उन मुद्दों पर कार्यक्रमों को प्रसारित कर रहे हैं, जो समुदायों के लिए तत्काल प्रासंगिक हैं. इन कार्यक्रमों में शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, पोषण पर्यावरण, समाज कल्याण, पंचायती राज के मुद्दों और सांस्कृतिक आवश्यकताओं से संबंधित जानकारी प्रसारित की जाती है.
मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयोजित किए गए विभिन्न फिल्म समारोहों का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि इस क्षेत्र में शांति और विकास के संदेश को भेजने के लिए सिनेमा एक शक्तिशाली माध्यम रहा है. हाल ही में गुवाहाटी में संपन्न हुए राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (एनसीएफएफ), में चिल्ड्रंस फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया की सूची से मूल्य आधारित पुरस्कार जीतने वाली फिल्मों को प्रदर्शित किया गया था.