बीएमपी 11, जमुई के कमांडेंट मंसूर अहमद (आइपीएस 2001) के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गयी है। उन्हें दस दिनों के अंदर अपना पक्ष विभागीय जांच आयुक्त के समक्ष रखने का कहा गया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री की सहमति व डीजीपी के आदेश से की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंसूर अहमद के खिलाफ कई आरोप लगाए थे और उसकी जांच के बाद प्रारंभिक रूप से आरोप को सही भी पाया। उन पर प्रमुख आरोप है कि उन्होंने पटना के दीघा में एक जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। उनपर जमुई में पुलिस के योगदान के पूर्व उनसे अवैध वसूली व उगाही का आरोप भी है। तीसरा बड़ा आरोप है कि वह अपने सीनियर अधिकारियों के साथ अमर्यादित व्यवहार करते हैं।
इन आरोपों से जुड़े उन्हें नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन उनके जवाब से पुलिस मुख्यालय संतुष्ट नहीं था। नोटिस के प्रति वह गंभीर नहीं दिख रहे थे। उनके असहयोगात्मक रवैये के कारण उनके खिलाफ आरोप की जांच विभागीय जांच आयुक्त को सौंप दिया गया है। उन्हें 10 दिनों के अंदर आयुक्त के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा या उनके उत्तर से असंतुष्ट होने पर जांच आयुक्त उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर सकते हैं।
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बी प्रधान को मिली नयी जिम्मेवारी
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तथा पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव वी प्रधान को बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग व विकास निगम का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया गया है। वह अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे। उनके पहले से ही मंत्रिमंडल विभाग का प्रधान सचिव व राज्य परामर्शदातृ समिति का सदस्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार है।