सूर्योपासना के महापर्व छठ के अवसर पर आज उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया। व्रती सुबह से गंगा समेत विभिन्न नदियों के घाटों पर अर्घ्य दान किया और सुख-समृद्धि की कामना की। कल शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दान किया गया था और आज उदीयमान सूर्य के नमन के साथ महापर्व सपन्न हो गया। छठ के मौके पर लाखों लोगों ने पवित्र गंगा नदी में स्नान भी किया।
पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे। प्रशासन की ओर से गंगा नदी में नौका के परिचालन पर भी रोक लगा दी गयी थी। छठ घाटों पर पटाखा छोड़ने पर भी प्रतिबंध था । सभी घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर राज्य आपदा बल(एसडीआरएफ) के जवानों की तैनाती भी की गयी है । छठ व्रतियों के लिये गंगा घाटों को साफ सुथरा किया गया है और विशेष रूप से सजाया भी गया है। इसके साथ ही गंगा नदी की ओर जाने वाले मार्गो पर तोरण द्वारा बनाये गये है और पूरे मार्ग को रंगीन बल्बो से सजाया गया हैं।
औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थल देव के पवित्र सूर्य कुंड में लगभग 10 से 11 लाख व्रतधारियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया। इस अवसर पर अत्यन्त आकर्षक ढंग से सजाये गये देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में भगवान भाष्कर के दर्शन के लिए व्रतधारियों तथा श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों तथा बिहार के कोने-कोने से आये लाखों श्रद्धालुओं और व्रतधारियों द्बारा गाये जा रहे कर्णप्रिय छठी मईया के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान था । इधर विभिन्न छठ घाटों पर प्रसाद वितरण का सिलसिला शुरू हो गया है।