बिहार सरकार सरकार और केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित रंग निर्देशक प्रवीण कुमार गुंजन को बिहार पुलिस के एक दारोगा और उनके साथियों ने बेगुसराय में बेरहमी से पीटा क्योंकि उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी.
सामाजिक कार्यकर्ता अमितेश कुमार ने कहा है कि जब प्रवीण कुमार गूंजन ने यह बताने की कोशिश की वे एक रंगकर्मी है.और अगर आप चाहें तो इसकी ताईद अपने आला आधिकारियों से कर सकते हैं. पर पुलिस ने तब तक पीटा जब तक वे अस्पताल जाने लायक नहीं हो गये और बिना किसी आपराधिक रिकार्ड के हाजत में रखा.
अमितेश ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि बिहार सरकार जिसको सम्मानित करती है उसके अधिकारी उसे अपमानित करते हैं, आम नागरिक किस दहशत में रहते हैं यह सोचने की बात है कि बिहार के पुलिस अधिकारी के लिये एक रंगकर्मी की हैसियत नचनिये बजनिये से अधिक नही हैं. उन्होंने कहा उस पुलिस अधिकारी की बर्खास्तगी या निलंबन का मामला नहीं है.
यह आम जनता के प्रति पुलिस के आपराधिक रवैये का मामला है. इस बीच प्रवीण कुमार गुंजन पर हुए पुलिसिया हमले की चहुं ओर निंदा हो रही है. रंगकर्मियों, साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने प्रवीण कुमार गुंजन पर सोमवार की रात्रि पुलिस द्वारा किये गये हमले को दुखद और अमानवीय बताया है.
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