उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है बिहार के प्रस्ताव पर करदाताओं की सहूलियत के लिए एचएसएन कोड, कैश लेजर और विवरणी दाखिल करने के फॉर्म के सरलीकरण की प्रक्रिया जीएसटी नेटवर्क के अध्यक्ष अजय भूषण पाण्डेय की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा शुरू कर दी गयी है। गुवाहाटी में आयोजित जीएसटी कौंसिल की बैठक में यह भी प्रस्ताव दिया गया कि खरीददारी करते समय आम उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले इनवॉयस में सभी करों के साथ अधिकतम खरीद मूल्य को दर्शाया जाए।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जीएसटी लागू होने के बाद विवरणी दाखिल करने वालों में 40 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनकी करदेयता शून्य हैं मगर उन्हें विवरणी में सभी कॉलम भरने होते हैं। वहीं कैश लेजर में करदाताओं को करीब 12 अलग-अलग खातों में पैसा जमा करना पड़ता है। इसलिए बिहार की ओर से सुझाव दिया गया है कि कैश लेजर के अन्तर्गत मात्र 3 खाते में ही पैसा जमा कराने तथा शून्य करदेयता वालों के लिए 2 से 3 चरण में ही विवरणी जमा कराने की सुविधा दी जाए।
श्री मोदी ने बताया कि पहले केवल एक्साइज टैक्स में निबंधित कुल करदाताओं के 5 प्रतिशत को ही एचएसएन कोड का इस्तेमाल करना होता था मगर जीएसटी के अन्तर्गत 1.5 करोड़ टर्नओवर से ऊपर वाले सभी करदाताओं को एचएसएन कोड़ भरना पड़ता है जो काफी जटिल है। इससे करदाताओं को काफी दिक्कत हो रही है।